शामली। नया पेराई सत्र शुरू होने से पहले संपूर्ण गन्ना भुुगतान करना चीनी मिलों के गले की फांस बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगामी 31 अक्तूबर तक किसानों का बकाया संपूर्ण गन्ना भुगतान किए जाने के फरमान के बाद चीनी मिल मालिकों पर दबाव बढ़ा है। जिला प्रशासन और किसानों के दबाव के बाद भी चीनी मिल अफसर बकाया गन्ना भुगतान की कार्ययोजना नहीं दे पा रहे हैं। तीनों मिलों के अफसरों ने जिला प्रशासन और किसानों की संयुक्त बैठक में साफ कह दिया कि एक माह में 120 करोड़ रुपये से अधिक गन्ना भुगतान देने में असमर्थ है। ऐसे में अगले 55 दिन में 561.63 करोड़ रुपये का संपूर्ण गन्ना भुगतान संभव नहीं लग पा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले माह 31 अक्तूबर से पहले किसानों का बकाया संपूर्ण गन्ना भुगतान कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद डीएम जसजीत कौर ने शामली, ऊन और थानाभवन चीनी मिलों के अफसरों को कलक्ट्रेट में बैठक में बुलाकर बंधक भी बनाया था। दस अगस्त को शामली चीनी मिल के प्रबंध निदेशक राहुल लाल को कलक्ट्रेट में बुलाकर पांच घंटे तक बैठाकर संपूर्ण गन्ना भुगतान कराने का दबाव बनाया गया। प्रशासन के दबाव के बाद भी जिले की चीनी मिल मालिकों की ओर से अभी तक 31अक्तूबर से पहले वर्ष 2022 का बकाया गन्ना भुगतान की कार्ययोजना पेश नहीं की है। पिछले माह में रालोद कार्यकर्ता शामली और ऊन चीनी मिल गेट पर एक दिवसीय धरना दे चुके हैं। पांच सितंबर से कलक्ट्रेट परिसर में भाकियू कार्यकर्ताओं का राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई में धरना जारी है।

बुधवार को भाकियू अराजनैतिक कार्यकर्ताओं का चीनी मिल गेट पर 52 गांवों के 52 किसानों का उपवास होगा। कलक्ट्रेट में भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई में बेमियादी धरना शुरूहोने के बाद जिले के चीनी मिलों के अफसर एडीएम संतोष कुमार सिंह की अध्यक्षता में किसानों से वार्ता में साफ कर चुके हैं कि 31 अक्तूबर तक संपूर्ण गन्ना भुगतान करना संभव नहीं है। एक माह में 40 करोड़ रुपये से अधिक प्रत्येक मिल गन्ना भुगतान नहीं कर पाएगी।

एक माह में कर सकती हैं 120 करोड़ तक का भुगतान
गन्ना विभाग के आंकड़ों के मुताबिक शामली, ऊन और थानाभवन चीनी मिल एक माह में 120 करोड़ रुपये तक गन्ना भुगतान कर सकती हैं। प्रत्येक माह के गन्ना भुगतान के आंकड़ों पर गौर करें तो ऊन और थानाभवन मिल एक माह में 35-37 करोड़ रुपये और शामली चीनी मिल 27 करोड़ रुपये तक भुगतान कर रही है। बकाया गन्ना भुगतान में शामली चीनी मिल की स्थिति सबसे खराब है। थानाभवन चीनी मिल के गन्ना महाप्रबंधक अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि मिल के स्टॉक में 4.75 लाख क्विंटल चीनी का स्टॉक है। चीनी बेचकर 85 प्रतिशत धनराशि से 125 करोड़ रुपये का भुगतान कर सकते हैं। उनके चीनी मिल पर 209.54 करोड़ बकाया है। शासन से पावर और दूसरे मद से 65 करोड़ रुपये मिल जाने के बाद भी संपूर्ण गन्ना भुगतान नहीं किया जा सकता है।

जिले में चीनी मिलों के गन्ना भुगतान और बकाया स्थिति
मिले गन्ना भुगतान किया गया भुगतान अवशेष भुगतान

शामली 374.67 करोड़ 159.85 करोड़ 214.82 करोड़

ऊन 337 करोड़ 199.72 करोड़ 137.27 करोड़

थानाभवन 439.99 करोड़ 230.45 करोड़ 209.54 करोड़

कुल योग 1151.65 करोड़ 590.02 करोड़ 561.63 करोड़