शामली. बिजली विभाग की लापरवाही के चलते कनेक्शन कटने और मीटर उतारकर ले जाने के बावजूद 8 सालों तक बिजली विभाग खराब मीटर बताकर बिल बनाता रहा। बाद में 1.23 लाख रुपये की आरसी उपभोक्ता के नाम भेज दी गई। मामले में जिला उपभेक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने आरसी निरस्त करने के साथ विभाग पर 25 हजार का अर्थदंड लगाया है।
कांधला कस्बे के मोहल्ला शेखजादगान निवासी हसीना पत्नी गुलाम रसूल ने साल 2013 में जिला उपभेक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा अधिशासी अभियंता के खिलाफ वाद दायर किया था। जिसमें हसीना ने बताया था कि 20 जुलाई 2001 में विद्युत विभाग ने उनका विद्युत कनेक्शन काट दिया था। लाइनमैन हमीद ने मीटर भी उतार लिया था। इसके बाद वह अपने पति के साथ गाजियाबाद भट्ठे पर कार्य के लिए चली गई। वहां से सहारनपुर भट्ठे पर जा रही थी कि उसके पति का इंतकाल हो गया था। 20 जुलाई 2001 से उसने विद्युत का उपयोग भी नहीं किया था क्योंकि उसके मकान में कनेक्शन नहीं था। बावजूद इसके 25 जून 2002 तक का बिल 23 हजार 425 और उसके बाद 2010 तक खराब मीटर बताकर विद्युत विभाग बिल बनाता रहा और अपने पास रखता रहा। बाद में अनुमान के आधार पर उपभेक्ता के नाम 1.34 लाख रुपये की आरसी काट दी गई। इस वाद को स्वीकार करते जिला उपभेक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष हेमंत कुमार गुप्ता व महिला सदसय अमरजीत कौर ने आदेश दिया है कि खराब मीटर बताकर भेजी गई एक लाख 34 हजार 195 रुपये की आरसी को निरस्त किया जाता है। साथ ही परिवादिनी को हुई आर्थिक व मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति के लिए 25 हजार रुपये व वाद व्यय के रूप में अंकन 5 हजार रुपये निर्णय की तारीख के 30 दिन के अंदर परिवादिनी को भुगतान के लिए आयोग में जमा करें।