शामली। बुटराड़ा-करौदा हाथी स्टैंड पर दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर की भूमि का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर चल रहा धरना बुधवार को एडीएम संतोष कुमार सिंह के आश्वासन पर समाप्त हो गया। लेकिन कई किसानों ने इस निर्णय पर नाराजगी जाहिर करते हुए विरोध किया। किसी तरह समझा-बुझाकर उन्हें शांत किया गया। गठवाला खाप के चौधरी राजेंद्र मलिक ने घोषणा की कि नौ अक्तूबर से हरिद्वार में होने वाले चिंतन शिविर में किसानों के मुद्दों पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।
बु टराड़ा-करौदा हाथी स्टैंड पर दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के मुआवजे में अनियमितताओं को लेकर 48 दिन तक चले धरने को 13 सितंबर को समाप्त करने की घोषणा की गई। लेकिन दो फाड़ हुई किसान संघर्ष समिति के कई सदस्यों ने धरना जारी रखना का एलान कर दिया था। बुधवार को उन्होंने महापंचायत आहूत की थी। जिसमें एक प्रोजेक्ट एक रेट की तर्ज पर मुआवजा, अंडरपास ऊंचे किए जाने, किसानों की चकरोड और खेतों की नाली की समस्याओं के निस्तारण की मांग उठाई गई। गठवाला खाप के चौधरी और भाकियू अराजनैतिक संगठन के संरक्षक राजेंद्र मलिक ने कहा कि किसानों के साथ किसी भी स्तर पर अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
किसानों के बीच पहुंचे एडीएम संतोष कुमार सिंह ने आश्वासन दिया कि मुआवजा बढ़ाने की मांग शासन स्तर पर भेजी गई है। बाकी शिकायतों का निस्तारण प्रशासन प्राथमिकता से कराने को तैयार है। जिसके बाद धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी गई। महापंचायत की अध्यक्षता बाबा धर्मप्रकाश मलिक ने की और संचालन वीरपाल सिंह और अक्षय गुलिया ने किया। विनीत मुखिया, हाजी तुफैल, रामबीर सिंह लांक, गुड्डू राणा, इसरार अली, अक्षय कुमार त्यागी आदि ने किसानों ने भी विचार रखे।
एडीएम से वार्ता के बाद बाबा राजेंद्र मलिक से वार्ता करने के लिए पांच सदस्यीय समिति में हाजी तुफैल, राकेश, वीरपाल सिंह आर्य, सुभाष मलिक, रामबीर सिंह को शामिल किया गया। जिन्होंने बाबा राजेंद्र मलिक से मंच के पीछे जाकर रणनीति पर विचार विमर्श किया। इसके बाद धरना समाप्ति की घोषणा की गई। समिति सचिव ने कल फिर धरना स्थल पर समिति पदाधिकारियों व किसानों की एक बैठक बुलाई है।
धरना समाप्ति घोषणा पर कुछ किसानों ने बाबा राजेंद्र मलिक के समक्ष नाराजगी जताई और धरना समाप्ति का विरोध जताया। कुछ किसानों में आपसी कहासुनी भी हुई। जिन्हें मौजूद किसानों ने समझा-बुझाकर शांत किया। बाबा राजेंद्र सिंह ने अभी धरना समाप्त हुआ है। आंदोलन समाप्त नहीं हुआ। भाकियू अराजनैतिक संगठन के नौ अक्तूबर से होने वाले किसानों के चिंतन शिविर में किसानों के सभी मुद्दों पर विचार करके निर्णय लिया जाएगा।