शामली। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए आदेशों के मद्देनजर डीएम जसजीत कौर ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। किसी किसान के पराली जलाने पर ग्राम प्रधान इसकी लिखित सूचना लेखपाल को नहीं देंगे तो उन्हें भी सहआरोपी बनाकर दंडित किया जाएगा। प्रधान पराली न जलाने के लिए किसानों को जागरूक भी करेंगे।

डीएम ने कहा कि ग्राम प्रधान वर्तमान खरीफ-सत्र में बोई गई धान, गन्ना फसलों की कटाई के पूर्व ही यह सुनिश्चित कर लें कि उनकी ग्राम पंचायत में फसल अवशेष न जलाए जाएं। सभी प्रधान अपनी ग्राम पंचायत के सभी राजस्व ग्रामों के ग्राम पंचायत सदस्यों की साधारण सभा 10 से 15 अक्तूबर के बीच कर लें। बैठक में लोगों को फसल अवशेष न जलाने और इससे भूमि पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की जानकारी देंगे। किसानों को बताएंगे कि अवशेष जलाने पर उनके विरुद्ध क्षतिपूर्ति की वसूली, कारावास और अर्थदंड की कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि खुली बैठक में कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक और गन्ना विभाग के गन्ना पर्यवेक्षक, राजस्व विभाग के लेखपाल व पंचायतीराज के ग्राम पंचायत अधिकारी को भी बुलाया जाए। गांवों में फसल अवशेष जलाने के अपराध में क्षतिपूर्ति की वसूली, कारावास और अर्थदंड से दंडित किए जाने के प्रावधानों का विवरण पंचायत कर व्यय से एक दीवार पर पेंट कराया जाए। फसल अवशेष जलाने पर दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपये प्रति घटना, दो एकड़ से 5 एकड़ के लिए 5000 रुपये प्रति घटना, व पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15000 प्रति घटना जुर्माना लगाया जाएगा। दोबारा अवशेष जलाने की स्थिति में अपराध की पुनरावृत्ति करने का कारावास और अर्थदंड से दंडित किया जाएगा।