शामली। 2015 के एससी-एसटी एक्ट के मुकदमे में पांच दिन पहले कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद शामली नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन अपने अधिवक्ता के साथ अदालत में पेश हुए। पूर्व चेयरमैन की कोर्ट में दायर की गई जमानत याचिका पर निर्णय न होने पर कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद बुधवार को पूर्व पालिका चेयरमैन अरविंद संगल अपने अधिवक्ता ब्रह्म पाल सिंह चौहान के साथ स्वयं ही कोर्ट में पेश हुए। पूर्व चेयरमैन के अधिवक्ता ने अदालत में जमानत याचिका दाखिल की। कोर्ट में जमानत याचिका पर बहस पूरी न होने पर कोर्ट ने जमानत याचिका पर कोई निर्णय नहीं सुनाया। जिसके बाद अदालत ने पूर्व चेयरमैन अरविंद संगल को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

वर्ष 2015 में तत्कालीन अधिशासी अधिकारी अमिता वरुण ने अनुसूचित जाति जनजाति आयोग को शिकायत भेजकर चेयरमैन अरविंद संगल पर गंभीर आरोप लगाए थे। प्रकरण की जांच तत्कालीन एडीएम भरत पांडेय को सौंपी गई थी। एडीएम ने जांच पूरी करके चेयरमैन पर लगे आरोपों की पुष्टि करते हुए कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी थी, बाद में इसकी जांच तत्कालीन सीडीओ वीके सिंह को सौंप दी गई। उन्होंने भी एडीएम की जांच को सही मानते हुए अमिता वरुण के आरोपों को सही बताया था। वर्ष 2016 में शहर कोतवाली में अरविंद संगल के खिलाफ एससी एसटी एक्ट, सरकारी कार्य में बाधा डालने और बदनीयती से घर बुलाने के आरोप पर छेड़छाड़ की धारा के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
इस मामले में अरविंद संगल ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। जहां से उनकी गिरफ्तारी पर कोर्ट ने स्टे दे दिया था। स्टे की छह माह की अवधि समाप्त होने के बाद अपर जिला सत्र न्यायालय (रेप एंड पॉक्सो व एससी एसटी) रेशमा चौधरी की अदालत ने कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर पूर्व चेयरमैन के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किए थे।

पूर्व चेयरमैन के अधिवक्ता ब्रह्म पाल सिंह चौहान ने बताया कि पुलिस ने विवेचना के दौरान बदनीयती से घर बुलाने की धारा हटा दी थी। उनके मुव्वकिल पर केवल एससी-एसटी एक्ट में ही चार्ज लगाया गया है। न्यायाधीश ने जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार की तारीख लगाई है। इसके अलावा अदालत ने मुकदमे की वादी शामली पालिका की पूर्व अधिशासी अधिकारी को भी कोर्ट में हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया है।

अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद बुधवार सुबह करीब 11 बजे अरविंद संगल अपने अधिवक्ता के साथ कोर्ट में दाखिल हुए। जहां पर उनके अधिवक्ता ने जमानत याचिका दाखिल की। जमानत याचिका पर बहस पूरी नहीं होने के बाद अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे अरविंद संगल को अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। दोपहर करीब दो बजे लंच के समय अरविंद संगल ने कोर्ट परिसर की एक साइड में घर से टिफिन में लाया गया खाना भी खाया। सुबह से ही अरविंद संगल के कुछ समर्थक कोर्ट परिसर में मौजूद रहे। जमानत पर निर्णय न होने पर समर्थकों में मायूसी देखी गई।