शामली। जनपद शामली में एक साल में 44 लाइसेंस जहां निलंबित किए गए। वहीं 5.50 लाख की दवा जब्त की गई हैं। इसके अलावा 190 से अधिक सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए, जिसमें 25 नमूने फेल हुए तो 22 अधोमानक और एक नकली पाया गया। एक स्टोर संचालक को पांच साल की सजा भी सुनाई गई। 11 के खिलाफ केस दर्ज कराकर जेल भेजा गया।

जनपद में 1131 मेडिकल स्टोर संचालित हैं। कुछ स्टोर संचालक अवैध तरीके से नशीली और नकली दवाई बेचते हैं, जो युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेलने का कारण भी बन रहे हैं। प्रदेश सरकार ने भी मेडिकल स्टोरों पर सख्ती बरतने व अवैध नशीली दवा इंजेक्शन रखने, नकली दवाओं के कारोबारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दे रखे हैं। इसके बाद भी नशीली दवाई की बिक्री कम नहीं हो रही है। हर साल नकली दवाई मिल रही हैं और इनके सैंपल भी फेल होते हैं। कई बार जनपद में अवैध दवाइयों का जखीरा भी पकड़ा जा चुका है। मेडिकल स्टोरों पर भी प्रतिबंधित दवाई मिली हैं। औषधि निरीक्षक निधि पांडेय ने वर्ष 2022-23 में 190 से अधिक सैंपल लिए हैं। इनमें 25 नमूने फेल हुए, जिसमें 22 अधोमानक, एक घटिया क्वालिटी, दो मिथ्याछाप मिली। दो मेडिकल स्टोर बिना लाइसेंस संचालित होते पाए गए, जबकि एक पर अधोमानक औषधि और एक अवैध नारकोटिक दवा मिली। औषधि निरीक्षक ने तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें 11 को गिरफ्तार किया गया है। अवैध रूप से दवाई बेचने में झिंझाना के स्टोर संचालक को पांच साल की सजा सुनाई गई है और 5.50 लाख की दवा जब्त की गई। नियमों का उल्लंघन करने पर 44 लाइसेंस निलंबित किए गए, जबकि तीन लाइसेंस निरस्त किए गए हैं।