पहाड़ी और मैदानी इलाकों में भारी बारिश के चलते यमुना के जलस्तर ने खतरे के निशान 231.5 मीटर को पार कर दिया। सोमवार रात करीब 12 बजे यमुना का जलस्तर 231.700 पर पहुंच गया। वहीं केंद्रीय जल आयोग भारत सरकार नई दिल्ली ने जनपद शामली के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को संभावित बाढ़ से निपटने के लिए एडवाइजरी जारी की।
वहीं, हथिनीकुंड बैराज से यमुना में निरंतर छोड़े जा रहे पानी के कारण देर रात तक यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 231.5 मीटर को पार कर कर गया।
पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश के कारण पिछले तीन दिन से हथिनी कुंड बैराज पर पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है। रविवार रात हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में 1.9 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके चलते सोमवार सुबह 10 बजे यमुना का जलस्तर 230.7 मीटर हो गया। इसके बाद लगातार बढ़ते पानी के बीच दोपहर तीन बजे तक जल स्तर पर चेतावनी बिंदु 231 को पार कर गया, जबकि यमुना का खतरे का निशान 231.5 मीटर पर है। अब पानी उसे भी पार कर गया है।
सोमवार रात एक बजे हथनीकुंड बैराज से यमुना नदी में प्रति सेकंड 2,58,343 क्यूसेक, सोमवार सुबह छह बजे 2,94, 587 क्यूसेक पानी और सुबह आठ बजे 2,79,898 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। ड्रेनेज विभाग के जेई आशू कुमार ने बताया कि सोमवार रात तक यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 231.5 मीटर को पार कर जाएगा।
यमुना का जलस्तर चेतावनी बिंदु के पार करने के चलते यमुना तट पर पूर्व सीडीओ शंभुनाथ तिवारी द्वारा बनवाया गया छठ मैय्या का मंदिर पानी में आधा डूब गया। इसके अलावा कांवडियों के स्नान के लिए यमुना में की गई बेरिकेडिंग भी बाढ़ के पानी में बह गई। वहीं यमुना पुल के पास स्थित नये शिव मंदिर के चारों और भी बाढ़ का पानी भर गया है। इसके अलावा तटवर्ती फसलों में भी यमुना का पानी भर गया। तहसीलदार गौरव सांगवान ने बताया कि तहसील क्षेत्र की सभी चार बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। तटवर्ती गांव के प्रधानों और चौकीदारों को यमुना नदी पर नजर रखने को कहा गया है। रात तक पानी के और बढ़ने की संभावना है।
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने के दो कारण है एक तो वर्षा अधिक हो रही है। दूसरा, हथिनीकुंड़ बैराज से लाखों क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा है। पुलिस, ड्रनेज विभाग व स्थानीय प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। कांवड़ यात्रा के मद्देनजर फ्लड पीएसी बटालियन के दो सेक्सन तैनात किए गये हैं। इसके अलावा प्राइवेट गोताखोरों की भी ड्यूटी लगाई गई है। यमुना तट पर जगह जगह चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। –