शामली। स्वास्थ्य विभाग में फर्जीवाड़ा होने के दो मामले सामने आए हैं। एक मामला सीएचसी शामली के चिकित्सक के नाम से फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने का सामने आया है। पानीपत पुलिस की जांच में इसका खुलासा हुआ है। दूसरा मामला जिला अस्पताल की सीएमएस के नाम से चीफ फार्मासिस्ट के विरुद्ध स्वास्थ्य महानिदेशक को शिकायत भेज दी। शिकायत के आधार पर चीफ फार्मासिस्ट का स्थानांतरण हो गया। जांच में पता चला कि सीएमएस ने इस तरह की कोई शिकायत भेजी ही नहीं थी। दोनों मामलों की जांच शुरू हो गई है।

हरियाणा के पानीपत जिले की पुलिस टीम एक व्यक्ति के मेडिकल प्रमाण पत्र का सत्यापन करने के लिए शामली पहुंची। पुलिस टीम ने बताया कि जिला मुजफ्फरनगर के कस्बा बुढ़ाना निवासी आरिफ के नाम का मेडिकल सीएचसी शामली में एक चिकित्सक के नाम से बनाया गया है। पुलिस टीम ने सीएचसी में मेडिकल के सत्यापन के लिए चिकित्सक से संपर्क किया। चिकित्सक ने बताया कि उसने इस तरह का कोई मेडिकल नहीं बनाया और न ही उनके मेडिकल प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर हैं। पुलिस टीम ने चिकित्सक के बयान के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है।

जिला संयुक्त चिकित्सालय की सीएमएस डॉ. अंजू जोधा के नाम से स्वास्थ्य महानिदेशक को करीब एक साल से तैनात चीफ फार्मासिस्ट ताहिर बेग के खिलाफ लिखित शिकायत की गई कि उनका मरीजों से व्यवहार ठीक नहीं है और दवा भी ठीक से वितरित नहीं करते। यह शिकायत पिछले महीने 27 जून को की गई थी। शिकायत के आधार पर तीन दिन बाद ही चीफ फार्मासिस्ट का स्थानांतरण संभल जिले में होने के आदेश भी जारी हो गए। स्थानांतरण आदेश जारी होने पर जब लखनऊ से जानकारी की गई तो इस मामले का खुलासा हुआ कि सीएमएस ने इस तरह की कोई शिकायत भेजी ही नहीं थी। रिकार्ड में भी इस तरह का पत्र भेजा जाना नहीं पाया गया। सीएमएस ने स्वास्थ्य निदेशक को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि उन्होंने इस तरह की कोई शिकायत नहीं की है। साथ ही चीफ फार्मासिस्ट का व्यवहार उत्तम बताया है। फिलहाल, शासन स्तर से इस मामले की जांच शुरू हो गई है।

स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सक के नाम से फर्जी मेडिकल बनाने और जिला अस्पताल में सीएमएस के नाम से लखनऊ शिकायत भेजे जाने को लेकर विभाग में हलचल मची है। दोनों मामलों में लिप्त लोगों की तलाश शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि दोनों मामलों में विभाग से जुड़े व्यक्तियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।