शामली। शामली और बागपत की 11 फर्मों ने दूसरे राज्यों और जिलों में बोगस फर्मों के साथ व्यापार दिखाकर कर चोरी का मामला सामने आया है। सेवा एवं वस्तु कर (जीएसटी) विभाग द्वारा चलाए गए सर्वे अभियान में फर्जी फर्मों का खुलासा हुआ है। इसके अलावा दोनों जिलों की कई अन्य फर्म भी विभाग के रडार पर आ गईं हैं। विभागीय अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। सभी 11 फर्मों का पंजीकरण भी रद्द किया गया है।
देश में सेवा एवं वस्तु कर (जीएसटी) को लागू हुए छह साल हो चुके हैं। सरकार तथा विभाग के अधिकारी लगातार सिस्टम को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं, इसके बाद भी पंजीकृत फर्मों द्वारा टैक्स चोरी के मामले सामने आ रहे हैं। शातिर लोग तरह-तरह से टैक्स चोरी के हथकंडे अपनाकर राजस्व का नुकसान कर रहे हैं।
सरकार ने जीएसटी चोरी पर लगाम कसने के लिए 16 मई से 15 जुलाई तक ऑल इंडिया ड्राइव अगेंस्ट फेक रजिस्ट्रेशन अभियान चलाकर जांच कराई। जिसका मकसद फर्जी बिल, फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन और गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट आईटीसी का लाभ लेने वालों का पता लगाना था। जिले में अनेक ऐसी फर्म चल रहीं हैं जो अन्य राज्यों और जिलों में चल रही बोगस फर्मों से व्यापार दिखाकर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहीं हैं।
कर विभाग को अभियान पूरा होने के बाद ऐसी फर्मों की सूची दूसरे राज्य और जिलों के अधिकारियों से मिलनी प्रारंभ हो गईं हैं। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर मंडल शामली के सहायक आयुक्त तापस चक्रवर्ती ने बताया कि चलाए गए विशेष अभियान के तहत शामली की छह और बागपत जिले की पांच बोगस फर्में सामने आईं हैं, जिन्होंने टैक्स चोरी की हुई थी। सभी का पंजीकरण भी रद्द कराया गया है। सूत्रों के अनुसार, 11 फर्मों से शातिरों ने करोड़ों से अधिक की टैक्स चोरी कर सरकार को चूना लगाया है। कहा कि टैक्स चोरी करने वालों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा। कई अन्य फर्म भी रडार पर है।
केंद्रीय व राज्य कर टीम द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए सर्वे अभियान में जिले में 11 फर्म पकड़ में आईं, जो सिर्फ कागजों में ही पंजीकृत थीं और मौके पर नदारद मिलीं। इन फर्मों ने फर्जी बिल दिखाकर सरकार से करोड़ों रुपये का आईटीसी क्लेम लिया। जांच में फर्मों का भंडाफोड़ होने पर विभाग ने सभी से आईटीसी क्लेम वापस कराया और पंजीकरण भी निरस्त कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, बोगस फर्मों पर अंकुश लगाने के लिए चार टीमेंं बागपत और शामली में छापामारी कर रहीं हैं। इसके अलावा गोपनीय तरीके से भी शातिरों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। व्यापारियों से भी शातिरों पर शिकंजा कसवाने में सहयोग मांगा गया है।
विभागीय अधिकारियों द्वारा बोगस फर्मों को पकड़ने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व में भी समय-समय पर अभियान चलाकर केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर मंडल की टीमें बोगस फर्मों का भंड़ाफोड़ कर चुकीं हैं। स्टेट वस्तु एवं सेवा कर की टीम के सहयोग से शामली मंडल में अभियान चलाया जा रहा है।
नियमानुसार व्यापारियों को फर्म का रजिस्ट्रेशन करा लेना चाहिए। साथ ही समय-समय पर टैक्स भी जमा करें। किसी तरह की दिक्कत होने पर विभाग के कार्यालय में आकर व्यापारी संपर्क कर सकते हैं। प्रयास रहेगा कि किसी भी व्यापारी को परेशानी नहीं होने दी जाए।
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर मंडल शामली के सहायक आयुक्त तापस चक्रवर्ती ने बताया कि विभाग ने वर्ष 2022-23 में जुलाई तक 50.68 करोड़ रुपये जीएसटी टैक्स के रूप में वसूल लिए। जिसमें वर्ष 2022 में अप्रैल से जुलाई माह तक 16.38 करोड़ और वर्ष 2023 में अप्रैल से जुलाई तक 18.51 करोड़ रुपये शामिल हैं।