शामली। इस साल जिले में बारिश सामान्य से अधिक हो जाने से पिछले तीन साल का रिकार्ड टूट गया है। पिछले सात माह में 952 एमएम बारिश हो चुकी है। बारिश का यह आंकड़ा जिले की औसतन बारिश से 52 एमएम ज्यादा है। बारिश के पिछले तीन साल के सारे रिकार्ड टूट गए। अकेले जुलाई माह में 611 एमएम बारिश हुई है। मानसूनी सत्र खत्म होने में अभी डेढ़ माह शेष है। यदि अगस्त और आगामी 15 सितंबर तक बारिश होती रही, तो जिले के जलस्तर में बढ़ोत्तरी से किसानों की गन्ना, धान, ज्वार हरा चारे की फसलों को लाभ मिलेगा।
यमुना और कृष्णा नदी की गोद में बसे शामली जिले के पिछले कई सालों से डार्क जोन में होने से जलस्तर घटता जा रहा है। डार्क जोन में कैराना, कांधला, शामली, थानाभवन, ऊन ब्लाॅक जाने से हैंडपंप और नलकूप सूखते जा रहे हैं। डार्क जोन में नलकूप और हैडपंप 220 फुट से अधिक पर लग रहे हैं। जिले का सालाना बारिश का औसत 850 एमएम से लेकर 900 एमएम आंकड़ा माना गया है।
सिंचाई विभाग के कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार साल पहले 2020 में बारिश का आंकड़ा 1005 एमएम रिकार्ड दर्ज किया गया। उसके बाद जिले में वर्ष 2021 में 921 एमएम, वर्ष 2022 में जिले की बारिश का आंकड़ा 940 एमएम, वर्ष 2023 में एक जनवरी से लेकर 30 जुलाई तक 952 एमएम बारिश दर्ज की गई। अकेले जुलाई माह में 611 एमएम बारिश हुई है। मानसूनी सत्र 15 जून से लेकर आगामी 15 सितंबर तक माना गया है।
जुलाई में जिले की दो तिहाई बारिश अधिक दर्ज की गई। पूर्वी यमुना नहर खंड के उप राजस्व अधिकारी अंबुज कुमार चौधरी ने बताया कि पिछले सालों के मुताबिक, इस साल अधिक बारिश हुई है। जुलाई में रिकार्ड तोड़ 611 एमएम बारिश हुई है। एक जनवरी से लेकर 30 जुलाई तक 952 एमएम बारिश रिकार्ड दर्ज की गई। इस साल की 952 एमएम बारिश ने तीन साल का रिकाॅर्ड तोड़ दिया है। जिले की सालाना औसतन बारिश से ज्यादा है।
दूसरी ओर सहारनपुर मंडल के भूगर्भ वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया कि मानसूनी सत्र 15 सितंबर तक माना गया है। मानसूनी सत्र में अगस्त का पूरा महीना और सितंबर माह के 15 दिन शेष हैं। इसके अलावा अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर भी अभी बाकी है। डेढ़ माह में बारिश होने की संभावना है। पिछले सालों की अपेक्षा इस साल ज्यादा बारिश होने से सामान्य धान, गन्ना, ज्वार और हरा चारा की फसलों को लाभ मिलेगा। भूजल विभाग नवंबर में जलस्तर की टेस्टिंग कराएगा। टेस्टिंग के बाद जिले के जलस्तर बढ़ने का आकलन होगा। जलस्तर बढ़ेगा, किसानों को फसलों का लाभ मिलेगा।
शामली। सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के निदेशक प्रसार डाक्टर पीके सिंह का कहना है कि ज्यादा बारिश होने से जलस्तर में अधिक बढ़ोत्तरी होगी। बारिश से बासमती धान और सब्जियों को नुकसान है। बाजार में सब्जियों के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है।
साल बारिश एमएम में
एक जनवरी से 30 जुलाई 952 मिमी
वर्ष 2022 940 मिमी
वर्ष 2021 921 मिमी
वर्ष 2020 1005 मिमी