शामली| हरियाणा में सड़क हादसे में मौत का शिकार हुए कैराना क्षेत्र के गांव पंजीठ निवासी गुड़ व्यापारी के शव को शाम करीब सात बजे गमगीन माहौल में कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

गांव पजीठ के पूर्व प्रधान इरशाद ने बताया कि गांव निवासी शराफत अली करीब 25 साल पहले अपनी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी के साथ बड़ौत के बड़का गांव में जाकर रहने लगे थे। शराफत अली ने बड़का गांव में ही मकान बना लिया था। शराफत अली की पंजीठ में भी कृषि भूमि और पैतृक मकान है। 52 वर्षीय शराफत अली के दो छोटे भाई मास्टर साजिद और वाजिद परिवार के साथ गांव में ही रहते हैं। जबकि शराफत अली के परिवार में एक बेटा परवेज और बेटी पारुल है। दोनों की शादी हो चुकी है।

सोमवार को हरियाणा में सड़क हादसे में शराफत की मौत होने पर शाम करीब 6:00 बजे उसके शव को पैतृक गांव पंजीठ लाया गया था। जहां गमगीन माहौल में शव को कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया। मौत से परिजनों का रो -रो कर बुरा हाल था।

बड़ौत के बड़का गांव के गुड़ विक्रेता की सोमवार की तड़के रोहतक-भिवानी मार्ग पर लाहली गांव के पास बुलेरो की टक्कर से मौत हो जाने की सूचना पर गांव में शोक है।

गुड़ विक्रेता शरफात अली के बारे में बताया गया कि वह मूलरूप से कैराना के पास पंजीट जनपद शामली का रहने वाला था। तकरीबन 25 साल पहले बड़का गांव में आकर बस गया था और यहां पर अपने बेटे परवेज, बेटी पारूल व अन्य के साथ रहता था। गुड़ बेचकर ही वह अपने परिवार का गुजारा करता था। कोल्हुओं में गुड़ बनवाता था और फिर उसे बेचने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब सहित अन्य जनपदों व राज्यों में जाता था। रविवार को वह गांव से हरियाणा गुड़ बेचने के लिए अपने भतीजे तासिम, बेटे परवेज के साथ गया हुआ था।

सोमवार की तड़के रोहतक-भिवानी मार्ग पर गुड़ विक्रेता के ट्रैक्टर व ट्राली को पीछे से टक्कर मारे जाने के बाद शराफत अली की मौत हो गई, जबकि उसका बेटा परवेज व भतीजा तासिम घायल हो गए। शराफत अली के शव को अंतिम संस्कार के लिए पंजीट गांव में ही ले जाया गया।