शामली। सहारनपुर जिले के जमालाबाद गांव की पांच हेक्टेयर भूमि के एक्सप्रेसवे में आने के बाद एनएचएआई के अधिकारियों ने हरियाणा के किसानों से इस भूमि को कब्जा मुक्त कराया है। इस जमीन के आने के बाद अंबाला-शामली ग्रीन फील्ड इकॉनमिक काॅरिडोर एक्सप्रेसवे के निर्माण का रास्ता भी साफ हो गया है। इस जमीन का मुआवजा अब यूपी के किसानों को ही दिया जाएगा।
हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले 121 किमी लंबे अंबाला-शामली ग्रीन फील्ड इकॉनमिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर और सहारनपुर-शामली जिलों से होकर गुजर रहा है। भारत माला परियोजना के तहत अंबाला से शुरू होकर कुरुक्षेत्र, करनाल व यमुनानगर से होते हुए सहारनपुर और शामली जिले तक छह लेन के इस इकॉनमिक कॉरिडोर पर 3663.80 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह एक्सप्रेसवे करनाल जिले के इंद्री तहसील के चंदराऊ गांव के सामने यमुना नदी से होकर गुजर रहा है। अंबाला डिवीजन के एनएचएआई के अफसरों के मुताबिक यूपी के सहारनपुर जिले के जमलाबाद गांव के किसानों की पांच हेक्टेयर भूमि पर यमुनापार इंद्री तहसील के चंदराऊ गांव के किसानों ने कब्जा किया हुआ था।
यह जमीन एक्सप्रेसवे में आ गई थी। अंबाला डिवीजन के एनएचएआई टीम के साइट इंजीनियर अमित शर्मा ने बताया कि शामली के डीएम रविंद्र सिंह की मदद से जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया है। अब इस भूमि का मुआवजा यूपी के किसानों को ही मिलेगा। सहारनपुर जिले के रानीपुर बरसी और जमालाबाद में अंबाला- शामली ग्रीन फील्ड इकॉनमिक का प्रथम और दूसरा फेस आपस में मिलेगा। बताया कि सहारनपुर जिले के गंगोह तहसील के जमालाबाद और सहसपुर गांव में यमुना नदी छह लेन का उपरिगामी पुल बनेगा। जो हरियाणा के करनाल जिले के इंद्री तहसील के चंद्रराऊ गांव को जोड़ेगा।
अंबाला- शामली ग्रीन फील्ड इकॉनमिक काॅरिडोर एक्सप्रेसवे थानाभवन की नौगांव पट्टी से दिल्ली-शामली, सहारनपुर हाईवे पर मिल रहा है। एक्सप्रेसवे की जद में थानाभवन नौगांव पट्टी में 200 मीटर में आबादी है। यहां पर भी 500 मीटर जमीन को कब्जा मुक्त कराकर एनएचएआई को दिया गया है।
अंबाला- शामली, कॉरिडोर एक्सप्रेसवे की गाजियाबाद की निर्माण एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर केके शर्मा ने बताया कि सहानपुर जिले के रानीपुर बरसी से लेकर शामली जिले के थानाभवन क्षेत्र के गाेगवान जलालपुर तक प्रथम फेस में एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए मिट्टी, रोडी-बजरी डालकर भूमि को समतल करने का कार्य तेजी से चालू हो गया है। यह प्रोजेक्ट 30 मई 2025 तक पूरा होना है।
यह हाईवे हरियाणा में अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर और यूपी के सहारनपुर तथा शामली जिले को जोड़ेगा। अंबाला जिले की बराड़ा, साहा व मुलाना तहसील के 58 गांव होते हुए कुरुक्षेत्र की लाड़वा तहसील, यमुनानगर की रादौर और करनाल की इंद्री तहसील से होकर गुजरेगा। सहारनपुर जिले के 30 और शामली जिले के 12 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है।
अब्दुला मोर माजरा, अहमद गढ़, तितारसी, हरड़ फतेहपुर, नौजल नौंजली, मनट मनटी, यारपुर, मलकपुर, जमालपुर, मुल्लापुर, जानीपुर, कुतबगढ़, मानकपुर, औरंगाबाद, गंदवेड़ा, लतीफगढ़, थानाभवन, मरगूबगढ़, खानपुर ,ढांडा आदि।