शामली। जिले के लोग सडकों में बने गड्ढों से परेशान है, लेकिन हाल फिलहाल उन्हें राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।
बजट नहीं मिल पाने से दीपावली से पहले जिले की कई सड़कों का गड्ढा मुक्त होना संभव नहीं लग रहा है। मेरठ- करनाल हाईवे पर सात किमी में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। एनएचएआई और निर्माण एजेंसी की ओर से गड्ढे न भरे जाने से लोगों और वाहन संचालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले की कई सड़के जर्जर है। लोगों की लगातार मांग के बावजूद सड़कों को गड्ढा मुक्त नहीं कराया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने हाल ही में दीपावली तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के आदेश दिए थे। जिले के मेरठ- करनाल हाईवे, गढ़ीपुख्ता- शामली, मुंडेट पूर्वी नहर पुल से लेकर मेरठ- करनाल हाईवे से मुंडेट पुल तक करीब दो किमी सड़क, मेरठ- करनाल हाईवे से लेकर कसेरवा खुर्द मार्ग, शामली- भैंसवाल मार्ग से वीवीपीजी छात्रावास से लेकर किरोड़ी रोड और साईंधाम तक सड़क, एसटी तिराहे से लेकर साईंधाम के पास सहारनपुर रोड स्थित क्रॉस जंक्शन तक सड़कों में जगह-जगह गड्ढे ही गड्ढे हैं।
टिटौली निवासी राजीव शास्त्री का कहना है कि मेरठ- करनाल का टपराना से लेकर सिंभालका तक हाईवे को गड्ढा मुक्त करने के लिए अभियान तो चलता है मगर इसमें भी खानापूर्ति की जाती है।
किराना व्यापारी संजीव कश्यप और रोहित कश्यप का कहना है कि पूरे साल में एनएचएआई की निर्माण एजेंसी की ओर से बरसात के बाद सात किमी हाईवे में जगह जगह गड्ढों को छोड़ दिया गया था। अभी तक भी गड्ढों को नहीं भरा गया है।
जिला बनने के बाद शामली में करमूखेड़ी सिंचाई विभाग के खंड कार्यालय से लेकर भैंसवाल गांव की सीमा तक दस किमी लंबाई की पूर्वी यमुना नहर की पटरी निर्माण के लिए वर्ष 2015 में 44 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई थी।
परियोजना में नहर का सीमेंटड कुछ हिस्सा, दो नहर के पुल तीन साल पहले बनकर चालू हो चुके हैं। भैंसवाल गांव से लेकर करमू खेड़ी नहर पुल तक जगह जगह पटरी में गड्ढे हो गए हैं। मुंडेट कला पुल से लेकर भैंसवाल गांव की सीमा तक नहर की पटरी में भी कटान हो गया है। । पूरब दिशा में करमू खेडी पुल से लेकर भैंसवाल नहर पटरी तक 300 से ज्यादा गड्ढे हैं।जिसमें आने जाने वाले वाहनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता दीपेंद्र जायसवाल ने बताया कि जिले की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए चार करोड़ रुपये का बजट मांगा गया था। शासन से सिर्फ ढाई करोड़ रुपये का बजट मिल पाया है। शासन से डेढ़ करोड़ रुपये का बजट नहीं मिल पाया है। शासन से शेष डेढ़ करोड़ रुपये की धनराशि का बजट मिलने के बाद सड़कों का निर्माण कराया जाएगा।