शामली। हरियाणा के करनाल जिले में यूपी के धान किसानों की एंट्री बैन होने के कारण बॉर्डर पर लगातार जाम के हालात बने हुए हैं। यमुना बॉर्डर पर धान से भरे ट्रैक्टर ट्रॉलियों तथा ट्रकों की लंबी कतारें ली हुई हैं।
मेरठ-करनाल हाईवे के बिड़ौली पुल पर पिछले पांच दिनों से हरियाणा में यूपी के धान किसानों को रोकने से बॉर्डर पर जाम लगा हुआ है। किसानों का आरोप है कि जनपद के किसी भी अधिकारी ने हमारी सुध नहीं ली। लगातार धान बेचने पहुंच रहे किसानों के वाहनों की कतार यूपी-हरियाणा सीमा पर पूरे दिन लगी रही।
हरियाणा राज्य के करनाल जिला प्रशासन ने यूपी से हरियाणा में बिक्री के लिए आने वाले धान पर रोक लगा दी है। बताया जाता है कि हरियाणा मंडी में हरियाणा के किसानों की अधिक आवक के कारण जिला प्रशासन ने कुछ समय के लिए यूपी के किसानों पर रोक लगाई है।
हरियाणा सीमा पर रोक के कारण किसानों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सीमा पर धान रोके जाने की सूचना पर तहसीलदार व सीओ, एसओ झिंझाना भी मौके पर पहुंचे और किसानों से वार्ता कर करनाल पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों से वार्ता की।
बिड़ौली पुलिस ने बताया कि रात्रि से अधिक वाहन एकत्र हो गए। पुलिस ने अतिरिक्त पुलिस बल की मदद से यात्री वाहनों के निकलने की व्यवस्था बनाई जिससे यातायात सुचारू हो सके।
धान की फसल पर रोक से झिंझाना के गाड़ी वाला से होकर चौसाना के बाद कुंडाकला से लखनौती पुल के जरिए हरियाणा में प्रवेश के लिए मार्ग अपनाने की हिदायत दी। जिसके बाद लखनौती पुल पर भी जाम के हालात रहे।
बरेली से वाहनों में धान की फसल भरकर बिडौली सीमा से हरियाणा में प्रवेश कर रहे किसानों के वाहन भी पांच दिन से जाम में फंसे हैं। चौकी प्रभारी सलेंद्र पुनिया ने बताया कि बरेली व मुरादाबाद तक के धान से भरे वाहन जाम में फंसे हैं जो किसान नहीं है कि अपितु व्यापारियों के बड़े वाहन हैं। लोकल के किसान तो मंडी में रोक के कारण पहुंच ही नही पा रहे हैं।