शामली। शामली जिले की तीनों शुगर मिलों पर बकाया 220 करोड रुपये के गन्ना भुगतान की राह अभी आसान नजर नही आ रही है। इस बीच किसानों के धरने प्रदर्शन के चलते शामली शुगर मिल के पेराई सत्र की शुरुआत भी अभी टलती नजर आ रही है।
जिले की अपर दोआब चीनी मिल शामली की ओर से किसानों का बकाया अदा करने के लिए फरवरी 2019 में 80 करोड़ रुपये का साफ्ट लोन बैंकों से लिया गया था। नवंबर माह तक भी शामली मिल पर 14 करोड़ रुपये का अवशेष है। किसानों के भी मिल पर 220 करोड़ रुपये की बकायेदारी है।
पिछले 75 दिनों से संजीव लिलौन के नेतृत्व में शामली मिल पर संपूर्ण गन्ना भुगतान की मांग को लेकर बेमियादी धरना प्रदर्शन जारी है। दूसरी ओर खाप चौधारियों के समर्थन से शामली गन्ना समिति कार्यालय में बेमियादी धरना पिछले 20 दिन से चल रहा है। शामली मिल ने वर्ष 2022-23 का किसानों का गन्ना भुगतान चीनी बेचकर किया गया था।
पिछले सत्र की शामली मिल पर 20 करोड़ रुपये की चीनी अवशेष है। शामली मिल चीनी बेचकर केवल 20 करोड़ रुपये का भुगतान कर सकती है। मिल के वाइस प्रेसीडेंट सुशील चौधरी ने बताया कि मिल पर सॉफ्ट लोन के 14 करोड़ रुपये अवशेष है। बिना अवशेष के जमा किए दूसरा लोन मिलना संभव नहीं है। उनका कहना है कि शामली चीनी मिल की नए पेराई सत्र शुरू करने की पूरी तैयारी है, लेकिन पांच नवंबर को चीनी मिल का पेराई सत्र चालू होना संभव नहीं है।