शामली। धोखाधडी के मामले में पुलिस ने शामली नगर पालिका के दो कर्मचारियों सहित तीन लोगां को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। क्या है धोखाधडी का यह मामला, जानने के लिए पढें पूरी खबर।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक शामली में शहर कोतवाली पुलिस ने सोमवार को नगर पालिका कार्यालय से कर संग्रहकर्ता विनोद कुमार, कर लिपिक लक्ष्मण को गिरफ्तार कर लिया।

इससे पहले रविवार रात को इसी मामले में देवेंद्र निवासा शामली को गिरफ्तार किया गया। पालिका कर्मियों की गिरफ्तारी को लेकर पालिका कार्यालय में हड़कंप मच गया। पालिका कर्मचारी इकट्ठे होकर कोतवाली पहुंचे और मामले की जानकारी ली।

इस संबंध में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक समयपाल अत्री ने बताया कि कैराना न्यायालय से दोनों पालिका कर्मियों समेत तीनों के विरुद्ध धोखाधड़ी के मामले में न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। न्यायालय के आदेश पर तीनों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद तीनों आरोपियों को कैराना न्यायालय में पेश किया गया है।

बताया गया कि मोहल्ला फव्वारा चौक कांबोज वाली गली निकट भूमियाखेड़ा निवासी गोपाल ने तीन साल पहले 2020 में कैराना न्यायालय में परिवाद दायर कराया था, जिसमें कहा गया था कि वह पिछले करीब 25 साल से मकान संख्या-245 वार्ड नंबर 22 में रह रहा था।

उनके पिता ताराचंद की मृत्यु के बाद पारिवारिक बंटवारे में उसका नाम 2008 से पालिका के भवनकर व जलकर रजिस्टर में नाम दर्ज चला आ रहा था और अन्य भाइयों के नाम भी पालिका के रजिस्टर में अलग-अलग भवनों में दर्ज हैं।

परिवादी का आरोप था कि इस मकान में नगर पालिका के कर संग्रहकर्ता विनोद और कर लिपिक लक्ष्मण ने बिना जांच के उसकी मां सोहनबीरी का नाम जालसाजी व हेराफेरी कर दर्ज कर दिया, जबकि इस संबंध में वाद न्यायालय में विचाराधीन था।

गोपाल का कहना है कि उसने सोहनबीरी के खिलाफ सात जनवरी 2019 को नगर पालिका शामली पर आपत्ति दाखिल की थी, लेकिन पालिका कर्मचारी विनोद व लक्ष्मण ने पालिका के अभिलेखों में हेराफेरी और जालसाजी करके आपत्ति को छिपाया और अवैधानिक तरीके से सोहनबीरी का नाम दर्ज कर दिया था।

इतना ही नहीं सोहनबीरी के स्थान पर भवन संख्या-245 पर कागजों में हेराफेरी कर उनके भाई देवेंद्र का नाम दर्ज कर दिया। इसकी जानकारी उसे आरटीआई सूचना के आधार पर 29 जनवरी 2020 को हुई थी।

गोपाल का आरोप है कि इस प्रकरण में कर संग्रहकर्ता विनोद और कर लिपिक लक्ष्मण, सोहनबीरी व देवेंद्र ने आपस में साजिश के तहत पालिका के अभिलेखों में जालसाजी व हेराफेरी की गई।

न्यायालय ने इस प्रकरण में आरोपी विनोद कुमार, लक्ष्मण, सोहनबीरी व देवेंद्र को तलब किया था, लेकिन वे न्यायालय में हाजिर नहीं हो रहे थे। न्यायालय से उनके गैर जमानती वारंट जारी हुए थे।