शामली। कैराना में तीन दिन के अंतराल में रविवार को एक बार फिर मामौर झील की मेड़ क्षतिग्रस्त हो गई। इस कारण किसानों की गेहूं आदि की करीब 700 बीघा फसल जलमग्न हो गई। गांव मामौर स्थित झील किसानों की बर्बादी का सबब बनी हुई है। 19 जनवरी को भी झील की मेड़ क्षतिग्रस्त होने के कारण किसानों की दर्जनों बीघा फसल जलमग्न हो गई थी। हालांकि, किसानों ने कड़ी मशक्कत के बाद मेड़ को दुरूस्त करते हुए पानी की रोकथाम कर दी थी। रविवार को एक बार फिर झील की मेड़ से पानी का रिसाव शुरू हो गया, जिसके चलते किसानों में खलबली मच गई।
किसानों द्वारा पानी रिसाव रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन सफल नहीं हुए। कुछ ही देर में क्षतिग्रस्त मेड़ का दायरा बढ़ गया और किसानों के खेतों में गंदा पानी घुस गया। किसान मोमिन, कंवर, मुश्ताक, मंगता, जबरदीन, सज्जाद, मेहरबान, कामिल, शरीफ, शाहदीन, सालिम व जमशेद आदि किसानों की करीब 700 बीघा गेहूं आदि की फसल जलमग्न हो गई। इस संबंध में किसानों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को सूचना दे दी है। देर शाम तक किसान पानी की रोकथाम कराने के प्रयासों में जुटे रहे।