शामली। पश्चिमी यूपी की महत्वपूर्ण कैराना लोकसभा सीट पर कांग्रेस-सपा ने गठबंधन कर जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है। 17 लाख से अधिक मतों वाली इस सीट पर कांग्रेस-सपा दोनों दलों को उम्मीद है कि गठबंधन होने के कारण उन्हें मुस्लिमों के साथ-साथ अन्य वर्गों का भी वोट मिलेगा। इसके जरिए गठबंधन इस सीट पर जीत का ख्वाब देख रहा है। यही कारण है कि प्रत्याशी घोषित होने के बाद जनसंपर्क अभियान भी तेज कर दिया गया है।

कैराना लोकसभा सीट की यदि बात की जाए तो वर्तमान में इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा से सांसद प्रदीप चौधरी यहां पर अभी काबिज हैं। लोकसभा से लेकर विधानसभा और अन्य चुनाव में कैराना सीट यूपी की हॉट सीट रही है। कैराना के पलायन के मुद्दे पर खुद केंद्रीय गृहमंत्री यहां पर चुनावी कंपेन करके गए थे। पश्चिमी यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के लिए पहले जो तस्वीर थी, उसमें रालोद, कांग्रेस, सपा को एक साथ रहना था, लेकिन रालोद एनडीए के साथ जा रहा है।

ऐसे में सपा और कांग्रेस ने पश्चिमी यूपी में मुस्लिम से लेकर जाट, हिंदू गुर्जर, सैनी, कश्यप, ठाकुर और अन्य वोटरों को साधने के लिए चुनावी राह पर एक साथ होने का निर्णय लिया है। सपा और कांग्रेस को इस गठबंधन से उम्मीद है कि मुस्लिमों के साथ-साथ सभी वर्गों के वोट उन्हें मिलेंगे, जिसके जरिए इस पर भाजपा को हराकर जीत दर्ज की जा सकेगी। हालांकि, जीत का सेहरा किसके सिर पर बंधेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।