शामली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कृषि विकास शाखा शामली के प्रबंधक कुनाल मलिक द्वारा दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया झिंझाना क्षेत्र के गांव रंगाना निवासी गुरमुख सिंह व हजारा सिंह ने क्रेडिट कार्ड ऋण के लिए आवेदन किया था। दोनों ने खसरा खतौनी शपथ पत्र आदि ऋण से संबंधित सभी कागज बैंक में दिए थे। बैंक ने 28 जुलाई 2016 को 9,99000 रुपये का ऋण दे दिया गया। बैंक की शर्ताें के अनुसार उन्होंने ऋण की अदायगी नहीं की। बैंक की तरफ से मामले की जांच की गई तो पता चला कि गुरमुख सिंह ने पूर्व में कार्पोरेशन बैंक शामली जो वर्तमान में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया है से 5,55000 रुपये का किसान क्रेडिट कार्ड बनवा रखा है और यह धनराशि उन्होंने उस बैंक से प्राप्त कर रखी है।
हजारा सिंह ने भी उस बैंक से 9,93000 रुपये कृषि ऋण ले रखा है और उनकी भूमि पूर्व में बंधक हो चुकी है। दोनों ने यह बात छिपाकर बैंक के साथ धोखाधड़ी व जालसाजी की है। हजारा सिंह का देहांत हो चुका है। शाखा प्रबंधक का आरोप है कि इस मामले में शहर कोतवाली में तहरीर दी गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिस कारण न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने गुरमुख के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।