शामली।  जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) संजय चौहान व विशेष लोक अभियोजक पुपेंद्र मलिक ने बताया कि 9 सितंबर 2019 की दोपहर करीब 12 बजे थाना थानाभवन क्षेत्र के एक गांव में 17 वर्षीय किशोरी गांव के बाहर कूड़ा डालने गई थी। इसी दौरान दो सगे भाई मोनू पाल व सोनू पाल किशोरी को जबरदस्ती बाइक पर बैठाकर ले गए। किशोरी के पिता ने थानाभवन पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने किशोरी को बरामद कर उसके कोर्ट में बयान दर्ज कराए, जहां किशोरी ने नशीला कपड़ा सुंघाकर दुष्कर्म किए जाने की बात कही। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की और से छह गवाह पेश किए गए।

आरोपी सोनू पाल के अधिवक्ता ने घटना के समय सोनू के मुंबई में होने के सबूत के तौर पर फोटो पेश किए। जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए सोनू पाल को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। जबकि अपहरण व दुष्कर्म दोष सिद्ध पाए जाने पर मुजरिम मोनू पाल निवासी नैनसोब थाना नागल जनपद सहारनपुर को 10 साल कठोर कारावास व 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा नही करने पर पांच माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।