शामली। कांधला में बस स्टैंड के निकट टैंकर पलटने से ध्वस्त हुई दुकानों के मलबे को परिजनों ने समेटना शुरू कर दिया है। वहीं पीड़ितों ने शासन-प्रशासन से मुआवजे की मांग की। पीड़ितों का कहना है कि हादसे के बाद उनकी दुकान का सामान और गल्ले में रखी नकदी गायब मिली। उधर, हादसे के दूसरे दिन बस स्टैंड के आसपास की दुकानें बंद रहीं। बुधवार शाम करीब चार बजे टैंकर पलटने से बस स्टैंड बुढ़ाना तिराहे के निकट पांच दुकानें ध्वस्त हो गई थीं। हादसे में भंवर सिंह, फूल सिंह, सीना, मांगा, संजीव व राशिद की अस्थाई दुकानें ध्वस्त हुई थीं।
बहस्पतिवार को पीड़ित दुकानदार अपनी दुकानों का मलबा व वहां पड़े सामान को इकट्ठा करने पहुंचे। मलबे को हटाते समय मृतक विशाल का मोबाइल मिला। पीड़ित दुकानदार भंवर सिंह के भतीजे ने बताया कि हादसे के वक्त वह घर था। सूचना पर वहां गया था। रात में टैंकर के हटने के बाद दुकान में रखा गल्ला व पर्स गायब था, जो बाद में कुछ दूरी पर पड़े मिले। पर्स में 15 हजार रुपये थे, लेकिन पर्स खाली मिला।
पीड़ित दुकानदारों का कहना है कि हादसे में उनकी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई है। उन्होंने शासन-प्रशासन ने मुआवजे की मांग की है। पीडितों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मदद नहीं करती है तो उनके परिवार भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे। दुकानदारों ने अस्थाई दुकानों के मलबे को एकत्रित करके मौके से हटा दिया। उधर, हादसे के दूसरे दिन डाक बंगले की दीवार से सटी अस्थाई दुकानें व चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा से लेकर घटना स्थल तक दुकानें बंद रहीं।
कस्बे में बुधवार को हुए हादसे में मारे गए लोगों व घायलों के परिजनों से सदर विधायक प्रसन्न चौधरी मिले और सांत्वना दी। बृहस्पतिवार को सदर विधायक प्रसन्न चौधरी व क्षेत्रीय महासचिव डॉ़ विक्रांत चावला डाक बंगले के बराबर में स्थित विशाल के रिश्तेदारों से मिले। विधायक ने हादसे की जानकारी ली और उन्हें सांत्वना देते हुए पीड़ित परिवार को सरकार से हर संभव मदद दिलवाए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद विधायक ओमवीर मलिक व फारुख के साथ ही घायलों के घर पहुंचे। पीड़ित परिवारों से मिलने वालों में रालोद जिलाध्यक्ष वाजिद अली, विजय कौशिक, राजन जावला आदि शामिल रहे।