शामली। गांव बाबरी में बुजुर्ग का शव कब्रिस्तान में दफनाने को लेकर दो पक्ष आमने -सामने आ गए। दोनों पक्षों ने जमीन को अपने पूर्वजों की बताया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस और नायब तहसीलदार ने किसी तरह मामला शांत कराया। शव को दूसरे कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कराया गया। मंगलवार को दोपहर अनीश खा का लंबी बीमारी के कारण मौत हो गई। अनीस 68 साल के थे। परिजन और ग्रामीण शव को सुपुर्दे खाक करने के लिए गांव के श्मशान घाट के पास कब्रिस्तान में जा रहे थे।

बताया कि इसी बीच दूसरे पक्ष के लोग मौके पर पहुंच गए और शव को कब्रिस्तान में दफनाने का विरोध किया। कहा कि ये कब्रिस्तान उनके पूर्वजों के हैं। जबकि मृतक पक्ष ने खुद के पूर्वजों के कब्रिस्तान बताया। काफी देकर तक हंगामा चलता रहा। बाद में मामले की सूचना पाते ही पुलिस और नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे। किसी तरह ग्रामीणों को समझाया गया। पास में ही दूसरे कब्रिस्तान में शव को सुपुर्दे खाक कराया गया।

नायब तहसीलदार ने बताया कि कब्रिस्तान किसके पूर्वजों के हैं, यह खसरा खतौनी का अवलोकन करने के बाद ही पता लग सकेगा। अभी कब्रिस्तान में किसी को भी शव दफनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। करीब चार वर्ष पूर्व भी एक शव को दफनाने को लेकर बाबरी गांव में विवाद हो गया था जिसको गांव के जिम्मेदार व पुलिस प्रशासन द्वारा निपटवाया गया था।