शामली। जिला पंचायत में रार के चलते जिले में विकास कार्यों पर ग्रहण लग गया है। करोड़ों रुपये का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। दिसंबर माह में हुई 14.75 करोड़ रुपये की विकास कार्य योजनाओं में से सिर्फ 2.25 करोड़ रुपये ही शासन से मिले हैं। पिछले आठ माह से बोर्ड की बैठक नहीं हुई है। जिस कारण विकास कार्यों का अनुमोदन अधर में लटका है। अनुमोदन न होने जिला पंचायत के करोड़ों रुपये के कार्य नहीं हो पा रहे हैं।
वर्ष 2023-24 की जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में 14 करोड़ 75 लाख रुपये के विकास कार्यों की कार्ययोजना की स्वीकृति हुई थी। दो माह बाद कार्ययोजना का बोर्ड बैठक में अनुमोदन होना अनिवार्य था। लोकसभा चुनाव 2024 की प्रक्रिया चलने से बैठक अधर में लटकी रही। लोकसभा चुनाव के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर खेमाबंदी शुरू हो गई। खेमाबंदी होने के बाद जिला पंचायत बोर्ड बैठक आठ माह बाद भी नहीं हो पाई है।
मुख्यमंत्री के दरबार में मामला पहुंचने के बाद भी जिला पंचायत की रार समाप्त नहीं हो पाई है। पंचायतों के बाद लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। विवाद में बोर्ड बैठक नहीं होने के कारण कार्ययोजनाओं की स्वीकृति नहीं हो पाई है जिस कारण विकास कार्य ठप ठप पड़े हैं।
रार के कारण जिला पंचायत अध्यक्ष भी कार्यालय में कम ही जा पा रही है, जिसके कारण ठेकेदारों का भुगतान भी पिछले काफी समय से रुका पड़ा है। सीडीओ विनय कुमार का कहना है कि आगामी जिला पंचायत बोर्ड बैठक आयोजित करने के लिए अध्यक्ष मधु गुर्जर के पास पत्रावली की तिथि लेने के लिए भेजी गई है, अभी तक पत्रावली पर हस्ताक्षर होकर उनके पास नहीं आ पाई है। जल्द बैठक कराने का प्रयास किया जाएगा।
ये कार्य पड़े हैं अधर में
: जिले में 20 से अधिक सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया
: बिलों का भुगतान नहीं होने से एक करोड़ से अधिक के नाली निर्माण, सड़क निर्माण नहीं हो पा रहा
जिला पंचायत की कार्ययोजना के लिए 15 वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग से बोर्ड में प्रस्ताव पारित होने के बाद राशि मिलती है। मगर पिछले आठ माह से बोर्ड की बैठक नहीं हुई, जिसके कारण पूर्व में स्वीकृत कार्यों पर अमल नहीं हो पाया है। जबकि कार्य योजना दिसंबर में ही शासन को भेज दी गई थी। इसमें राज्य वित्त आयोग से सिर्फ दो करोड़ 25 लाख की धनराशि ही प्राप्त हुई है। 15वें वित्त आयोग से कोई धनराशि नहीं मिली। यदि बैठक में विकास कार्यों का अनुमोदन हो जाता तो टेंडर प्रक्रिया तुरंत ही शुरू कर दी जाती।
– नईम अख्तर, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत शामली