शामली। UP Government School गंदी दीवारों की जगह टाइल्स, टाट पट्टी की जगह फर्नीचर, अंधेरे कमरों की जगह जगमगाती कक्षाएं, हाथों की स्वच्छता के लिए हैंडवॉश यूनिट, ब्लैक बोर्ड, दिव्यांग रैंप, सुरक्षा के लिए चहारदीवारी आदि सब सरकारी स्कूल में मिल जाए तो छात्र-छात्राओं के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।

ऐसा ही किया है गांव नाला के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अजय मलिक ने। उन्होंने स्कूल का कायाकल्प किया है कि अब निजी स्कूलों से भी नाम कटवाकर छात्र-छात्राएं दाखिला लेने सरकारी स्कूल में आ रहे है। सराहनीय कार्य के चलते प्रधानाध्यापक का चयन राज्य पुरस्कार के लिए हो गया है कल मुख्यमंत्री उनको सम्मानित करेंगे।

कांधला ब्लॉक क्षेत्र के गांव नाला में स्थित है प्राथमिक विद्यालय नंबर-2। जहां साल 2009 में बतौर सहायक अध्यापक अजय मलिक की तैनाती हुई थी। 15 सालों में अजय ने बच्चों के साथ मेहनत की। अब अजय मलिक स्कूल के प्रधानाध्यापक है। उन्होंने स्कूल में कई बदलाव किए है। कॉन्वेंट स्कूल जैसा नजारा

विद्यालय में प्रवेश करते ही लगता ही नहीं कि हम किसी सरकारी स्कूल में आ गए हैं। विद्यालय का अनुशासन और रख-रखाव किसी कान्वेंट स्कूल जैसा ही नजर आएगा। विद्यालय से बच्चे के लगातार दो दिन गायब रहने पर उसके माता-पिता से संपर्क करना। कमजोर बच्चों को अतिरिक्त कक्षाएं संचालित करके पढ़ाना। यह अजय मलिक की दिनचर्या में शामिल है।

अपनी तैनाती के बाद अजय ने विद्यालय की बदहाली देखी तो विभाग से बजट मिलने का प्रयास किया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद ग्राम प्रधान और ग्रामीणों के सहयोग से स्कूल में कार्य पूरा कराया। पूरे परिसर में इंटरलाकिंग कराई।

अजय मलिक बताते है कि जब उनकी तैनाती विद्यालय में हुई तब बच्चों की संख्या मात्र 121 थी, लेकिन अब 219 पहुंच गई है। पहले 50 प्रतिशत छात्र-छात्राएं ही विद्यालय आते थे, लेकिन अब 81 प्रतिशत (परिषदीय विद्यालय में सबसे अधिक उपस्थिति) है। स्कूल की लाइब्रेरी में 400 से अधिक पुस्तकें है। बच्चे स्मार्ट क्लास में पढ़ाई करते है। गांव में छह निजी स्कूल के साथ है एक मदरसा

अजय मलिक ने बताया कि नाला गांव में छह प्राइवेट विद्यालय है। इसके अलावा एक मदरसा भी है। स्कूल में बेहतर शिक्षा मिलने के कारण आए साल निजी स्कूल से दाखिला कराने के लिए छात्र विद्यालय आते है। इस सत्र में 35 बच्चों ने स्कूल में दाखिला लिया है। जो पहले निजी स्कूलों में पढ़ाई किया करते थे।