शामली। फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी चोरी करने से कुछ लोग बाज नहीं आ रहे हैं। अब सीबीआईटी यानी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने शामली, बागपत की 405 संदिग्ध फर्मों की सूची शामली के जीएसटी विभाग के अधिकारियों को भेजी है। अधिकारियों ने फर्मों की जांच शुरू कर दी है। बार-बार फर्जी फर्म बनाने वालों पर इस बार जीएसटी के अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज करने की भी तैयारी कर ली है।

देश में सेवा एवं वस्तु कर (जीएसटी) को लागू हुए छह साल हो चुके हैं। सरकार तथा विभाग के अधिकारी लगातार सिस्टम को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं। लेकिन इसके बाद भी पंजीकृत फर्मों द्वारा टैक्स चोरी के मामले सामने आ रहे हैं। शातिर लोग तरह तरह से टैक्स चोरी के हथकंडे अपनाकर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं। सीबीआईटी ने शामली के जीएसटी के अधिकारियों को फर्जी संदिग्ध फर्मों की सूची भेजी है। जिसमें बागपत और शामली जिले की फर्मों की सूची है।

उपायुक्त धर्मेंद्र कुमार और जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर तापस चक्रवर्ती का कहना है कि संदिग्ध फर्मों की जांच के लिए छह टीमों को लगाया गया है। अगले सप्ताह से जांच शुरू कर दी जाएगी। सूची में फर्जी बिल दिखाकर आईटीसी क्लेम करने वाली फर्म अधिक है। जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि पंजीयन सही है या नहीं है।

– फैक्ट फाइल :
जिले में जीएसटी में पंजीकृत व्यापारी : 22 हजार
हाल ही में जमा कराया टैक्स : दो करोड़
– जांच में 27 फर्म निकली थीं फर्जी
जीएसटी के अधिकारियों के अनुसार, पिछले दिनों चलाए गए अभियान दौरान 50 से अधिक फर्मों की जांच की गई थी, जिनमें से 21 फर्म फर्जी निकली थी। कुछ फर्मों के प्रपत्र ही गलत थे। सभी का पंजीयन निरस्त किया गया था।

जीएसटी उपायुक्त ने बताया कि अब ग्राम पंचायतें भी जीएसटी टैक्स के लिए आगे आने लगी है। हाल ही में 70 लाख से अधिक का टैक्स जमा कराया गया है। इसके अलावा अन्य कई अन्य भी रुपये जमा करने के लिए तैयार है। इसी सप्ताह ही अन्य ग्राम पंचायतें भी टैक्स जमा कर देगी।

जीएसटी अभियान में फर्मों की जांच का शुरूआत में व्यापारियों ने विरोध भी जताया। लेकिन इसके बाद भी विभाग द्वारा अभियान जारी। कार्रवाई से बचने के लिए 100 जीएसटी फर्मों ने पंजीकरण में संशोधन कराया, जो पूर्व में दूसरे पते पर पंजीकृत थी लेकिन अब कहीं ओर चल रही थी। जीएसटी पंजीकरण में दर्ज कराए पते पर ही फर्म का संचालन किया जा सकता है।