शामली। 16 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवों द्वारा मनमाने तरीके से विकास कार्य कराने के मामले में गठित समिति ने जांच रिपोर्ट अधिकारियों को सौंप दी है। जांच में सामने आया है कि बिना अधिकारियों के अनुमति के ही टेंडर छोड़े बिना सड़क से लेकर अन्य विकास कार्य करा दिए गए। यही नहीं कार्य पूरा हुए बिना ही एक कंपनी को चार करोड़ का भुगतान तक कर दिया गया। जांच रिपोर्ट लखनऊ अधिकारियों को भेजी गई। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले ग्राम सचिवों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।

पंचायती राज्य विभाग के निदेशक अटल कुमार राय ने डीएम और सीडीओ को जुलाई माह में पत्र भेजकर कांधला और कैराना ब्लॉक क्षेत्र में विकास कार्य कराने के नाम पर घोटाले का आरोप लगाया था। कुल सात बिंदुओं टेंडर, कोटेशन, एस्टीमेट, बिल, माप पुस्तिका, तकनीकी, प्रशासनिक/ वित्तीय स्वीकृति के साथ साथ फोटोग्राफ की आख्या मांगी गई थी। 16 ग्राम पंचायतों के 94 कार्य चिह्नित किए गए थे, जिनमें घोटाले की बात कहीं जा रही थी।

जांच के लिए विशेष कमेटी गठित की गई। गठित कमेटी में जिला दिव्यांगजन अधिकारी अंशुल चौहान, सांख्यिकी अधिकारी और अन्य अधिकारी शामिल रहे। करीब चार माह तक मामले की जांच की गई।

डीपीआरओ संंदीप अग्रवाल ने बताया कि गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट में सामने सामने आया है कि 16 ग्राम सचिवों ने 84 कार्याें में तकनीकी स्वीकृति नहीं ली। सभी 94 कार्यों में वित्तीय स्वीकृति नहीं ली गई। जांच में सामने आया है कि बिना टेंडर, कुटेशन प्रक्रिया के ही गांवों में सड़क से लेकर मरम्मत के कार्य करा दिए गए। 25 प्रतिशत जो डॉक्यूमेंट्स सचिवों से मांगे गए, वे उपलब्ध नहीं करा पाए। डीपीआरओ का कहना है कि जांच रिपोर्ट का परीक्षण किया जा रहा है। अधिकारियों को पूरे मामले की रिपोर्ट भेजी गई है। अधिकारियों के निर्देश पर जल्द ग्राम सचिवों पर कार्रवाई होगी।

जांच के दौरान ग्राम सचिवों से ये मांगे गए थे दस्तावेज और पूछे गए सवाल
: कराए गए विकास कार्यों के एस्टीमेट की काॅपी है या नहीं
: कितने प्रतिशत कार्य हुआ
: कार्य शुरू करने से पूर्व अधिकारियों से अनुमति ली गई या नहीं
: कार्य शुरू कराने के संबंध में अखबारों में निविदा सूचना प्रकाशित की गई या नहीं
: कार्य पूरा नहीं होने से पहले कंपनी को भुगतान क्यों किया गया

यह बातें आई सामने
76 कार्यों में टेंडर प्रक्रिया नहीं अपनाई गई
: बिना कुटेशन के कार्य कराए गए
: ऐरटी गांव में कार्य की जानकारी ही नहीं दी गई
: तकनीकी स्वीकृति भी नहीं ली गई
: 25 प्रतिशत दस्तावेज ही उपलब्ध नहीं करा सके ग्राम सचिव।

इन ग्राम पंचायतों में कराए गए थे कार्य
कास कैराना के ग्राम पंचायतों में 2019, 2020, 2021, 2022 व 2023 में कुल 94 कार्य कराए गए थे, जिनमें टिटोली में 1, ऐरटी में 1, रामडा में 15, मंडावर में 7, अकबरपुर सुनेहटी में 1, गंदराऊ में 1, मुहम्मदपुर राई में 10, ऊंचागाव में 26, नगलाराई में 1, इस्सोपुर खुरगान में 3, भूरा में 19, बराला में 2, बुच्चाखेड़ी में 3, कैराना देहात में 1, जंधेड़ी में 1 व मलकपुर में 2 कार्य शामिल है, जिनकी जांच कराई गई।

अधिकारियों के निर्देश पर विकास कार्यों के नाम पर लापरवाही और गोलमाल करने वाले सचिवों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट मिल चुकी है।
– विनय कुमार तिवारी, मुख्य विकास अधिकारी, शामली