ऊन। चीनी मिल द्वारा गत वर्ष का बकाया भुगतान न किए जाने से नाराज किसानों ने बृहस्पतिवार को सहकारी गन्ना विकास समिति ऊन पर ताला लगा दिया तथा इंडेंट नहीं काटने दिया। किसानों ने मिल पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए संपूर्ण भुगतान करने की मांग की तथा चेतावनी दी कि जब तक संपूर्ण भुगतान नहीं होता धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।
ऊन चीनी मिल द्वारा गत वर्ष का बकाया भुगतान 20 नवंबर तक करने का वादा किया था, लेकिन भुगतान नहीं किया गया। इससे पूर्व चीनी मिल द्वारा 20 अक्टूबर तक भुगतान करने की बात कही गई थी, लेकिन दोनों ही वादे खोखले साबित हुए। किसानों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर 20 नवंबर तक भुगतान नहीं हुआ तो गन्ना समिति पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
चीनी मिल द्वारा अभी तक आठ मार्च तक का भुगतान किया गया है तथा बृहस्पतिवार को 15 दिन का भुगतान और खातों में भेजने का मैसेज जारी किया है। यह भुगतान भेजने के बाद अभी भी चीनी मिल पर करीब 21 करोड़ रुपया बकाया है। किसानों ने पूर्व में दी गई चेतावनी के बाद बृहस्पतिवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश सचिव जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में गन्ना समिति पर कर्मचारियों को बाहर निकाल कर ताला लगा दिया तथा धरने पर बैठ गए। उन्होंने चीनी मिल पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए संपूर्ण भुगतान करने की मांग की साथ ही चेतावनी दी कि अगर भुगतान नहीं मिला तो चीनी मिल में गन्ना भी नहीं जाने देंगे।
किसानों के बीच पहुंचे गन्ना समिति के सचिव अजीत कुमार सिंह ने कहा कि चीनी मिल में भुगतान हेतु पर्याप्त चीनी है चीनी बेचकर भुगतान कराया जाएगा। वहीं चीनी मिल के वरिष्ठ गन्ना महाप्रबंधक कुलदीप पिलानिया ने एक हफ्ते का समय मांगा, लेकिन किसानों ने उन पर बार-बार खोखला वादा करने का आरोप लगाते हुए समय देने से मना कर दिया। किसानों का आरोप है कि चीनी मिल द्वारा नगद गन्ना खरीदा गया लेकिन किसानों का भुगतान नहीं दिया है। धरने में जितेंद्र चौधरी, प्रमोद कुमार, दीपक सभासद, हरेन्द्र प्रधान, राजीव चौधरी, नीरज, विकास आदि मौजूद रहे।