शामली। बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों का सिलसिला नहीं रुक पा रहा है। अभी पांच दिन पहले लगा रिश्वत के आरोप का मामला ठंडा नहीं हुआ। दूसरा पांच लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप फिर कार्यालय के लिपिक भूमेश पर मृतक आश्रित की पत्नी ने लगाया है।
बृहस्पतिवार को सिविल लाइन मुजफ्फरनगर निवासी सुधा तोमर ने बीएसए को शिकायत करते हुए बताया कि उनके पति प्रदीप तोमर प्राथमिक विद्यालय पेलखा नंबर-1 में तैनात थे, जिनकी छह फरवरी 2020 में मृत्यु हो गई थी। शासनादेश के अनुसार पति के स्थान पर उसकी नियुक्ति 3 जनवरी 2023 को लिपिक पद पर जनपद शामली मेें हुई। 7 जनवरी को उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया था। उनकी नियुक्ति बीएसए राहुल मिश्र और लिपिक परिश्रम सैनी द्वारा की गई। एक विभागीय प्रक्रिया में परिश्रम सैनी निलंबित हो गए और बीएसए का स्थानांतरण हो गया। उसके बाद उसकी जांच लिपिक भूमेश को सौंप दी गई।
आरोप है कि लिपिक ने उससे दस्तावेज के वेरिफिकेशन कराने और वेतन भुगतान आदेश बनवाने के लिए पांच लाख की मांग की। रिश्वत ना देने पर उसकी नियुक्ति में सचिव को उल्टा सीधा पत्राचार करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को उलझा दिया। दो वर्ष तक भी भुगतान नहीं होने दिया। एक साल नौ माह बाद 26 सितंबर 2024 को वर्तमान बीएसए लता राठौर द्वारा उसे नोटिस भेजा गया कि उसकी फाइल में दस्तावेज अधूरे है। जबकि मेरे द्वारा नियुक्ति के समय सभी दस्तावेज दिए गए थे। फाइल प्रधान लिपिक भूमेश के पास थी। वेरिफिकेशन नियुक्ति होते ही किया जाता है। अब उसे दस्तावेज अधूरे बताते हुए लिपिक से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बना दिया गया है। दो साल सेवा देने के बाद भी उसे वेतन नहीं दिया गया।
पांच दिन पहले भी 80 हजार की रिश्वत का लिपिक पर लगा था आरोप
27 दिसंबर को मृतक आश्रित शशि प्रभा की आश्रित नितिशा भारद्वाज ने कार्यालय के लिपिक विकास पर 80 रुपये की रिश्वत न देने पर फाइल को बिना देखे वापस करने और फाइल अटकाने का आरोप लगाया था। शिकायत के बाद बीएसए ने मृतक आश्रित की बेटी की फाइल पूरी कराई।
मैं अभी चार जनवरी तक अवकाश पर हूं। मामला संज्ञान में आया है। जांच कराने के बाद ही स्थिति का पता चलेगा।-लता राठौर, बीएसए।
-मृतक आश्रित की फाइल का चार्ज मुझ पर नहीं है, यह कार्य कार्यालय में ऋषिपाल देखे रहे हैं। मुझ पर लगाए गए आरोप गलत है। -भूमेश कुमार, लिपिक