शामली। पानीपत-खटीमा हाईवे से मेरठ-करनाल हाईवे को जोड़ने वाले नए बाईपास के लिए अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि की मुआवजा राशि मंजूर हो गई है। अभी सात में से पांच गांवों की भूमि की नौ करोड़ की धनराशि आई है। दो अन्य गांवों की मुआवजा धनराशि आने के बाद इसे किसानों को वितरित कर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
करीब एक साल पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सामने केंद्रीय पशुधन राज्यमंत्री संजीव बालियान ने शामली को जाम से मुक्ति के लिए रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव रखा था।

जिसके तहत पानीपत-खटीमा हाईवे और मेरठ-करनाल हाईवे को जोड़ने के लिए कंडेला से टपराना तक बाईपास बनाया जाना था। नितिन गडकरी ने इसकी स्वीकृति दे दी थी। चार जून 2021 को थ्री ए की अधिसूचना का प्रकाशन करते हुए आपत्ति मांगी गई थी। इसके लिए एडीएम वित्त को सक्षम अधिकारी नियुक्त किया गया था। एडीएम ने थ्री ए और थ्री डी की आपत्तियों की सुनवाई करते हुए एनएचएआई की बागपत इकाई के माध्यम से मुआवजे की मांग की थी।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से इस बाईपास की जद में आ रहे पांच गांवों के किसानों के मुआवजे के लिए नौ करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी है। यह नया बाईपास कंडेला गांव से शुरू होकर शेखपुरा, कसेरवा कलां, कसेरवा खुर्द, टिटौली होते हुए टपराना के पास मेरठ-करनाल हाईवे पर जाकर मिलेगा। बाईपास के लिए सात गांवों की 11.8592 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जानी है। एडीएम संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बाईपास की जद में आ रहे टिटौली, कसेरवा खुर्द, कसेरवा कलां, गढ़ी शाहिस्तापुर और टपराना गांवों के किसानों की भूमि का नौ करोड़ रुपये का मुआवजा प्राप्त हुआ है। सभी सात गांवों के किसानों की भूमि का मुआवजा प्राप्त होने के बाद किसानों को वितरण किया जाएगा।

बाईपास की जद में भूमि -11.8592 हेक्टेयर
बाईपास के गांव – कंडेला, शेखपुरा, कसेरवा कलां, कसेरवा खुर्द, टिटौली और टपराना।
बाईपास की लंबाई – 3.5 किमी