शामली. विधानसभा चुनाव में प्रदेश की राजनीति का केंद्र रहे कैराना में लचर चुनाव प्रबंधन और ढुलमुल रणनीति भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह की हार का कारण बनीं। भाजपा और मृगांका सिंह ने सुरक्षा और कैराना पलायन का मुद्दा उछाला। सुरक्षा के नाम पर भी वोट देने की अपील की, जो कारगर नहीं हो सकी।
विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही भाजपा ने कैराना पलायन का मुद्दे जोर-शोर से उठाया था। सीएम योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री अमित शाह ने भी कैराना पहुंचकर पलायन मुद्दे को खूब उछाला, सुरक्षा का हवाला दिया। भाजपा ने नाहिद हसन को प्रत्याशी बनाने पर भी सपा को कठघरे में खड़ा किया। भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह ने भी केवल पलायन और सुरक्षा के मुद्दे पर वोट मांगना शुरू किया लेकिन चुनाव जीतने की कोई ठोस रणनीति नहीं तय की। गिने-चुने लोगों पर उनके चुनाव प्रबंधन की कमान रही। दूसरी ओर नाहिद के जेल जाते ही उनकी बहन इकरा ने चुनावी मोर्चा संभाला।
नामांकन से पहले से ही सपा विधायक नाहिद गैंगस्टर के मामले में जेल में हैं। ऐसे में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी उनकी बहन इकरा हसन ने संभाली। लंदन से पढ़ी-लिखी इकरा ने भाजपा के खिलाफ आक्रामक लेकिन सधी हुई रणनीति से काम किया। उन्हें चुनाव लडऩे का कोई अनुभव नहीं था लेकिन आत्मविश्वास के साथ जनता के बीच पहुंचीं, जिसे लोगों ने पसंद भी किया। नाहिद की जीत का बड़ा कारण इकरा हसन का शानदार चुनाव प्रबंधन भी माना जा रहा है।