शामली । गांवों के विकास को गति देने के लिए ग्राम पंचायत सचिवों की कलस्टरवार तैनाती कर दी है। 230 ग्राम पंचायतों के 92 कलस्टर बने हैं और 67 सचिवों की नियुक्ति हुई है। साथ ही एक ही विकास खंड में दस वर्ष से अधिक समय से कार्यरत 16 सचिवों का दूसरे विकास खंड में स्थानांतरण भी किया गया है।
मुख्य विकास अधिकारी शंभूनाथ तिवारी ने बताया कि कलस्टर का मतलब आबादी के हिसाब से गांवों का समूह होता है। पहले ऐसा होता था कि किसी सचिव के पास तीन गांव हैं और कुछ दिन बाद एक गांव हटाकर कोई दूसरा गांव दे दिया। अब ऐसा नहीं होगा। जैसे तैनाती कलस्टर में हुई है, वैसे ही अगर किसी को हटाया जाएगा तो पूरा कलस्टर से ही हटाया जाएगा। कलस्टर के एक गांव से नहीं हट सकते हैं और न ही कलस्टर के स्वरूप को बदला जा सकता है।
हां, अगर सचिव कम है तो एक सचिव को आसपास के दो कलस्टर का प्रभार दिया जा सकता है। अब एक वर्ष तक सचिवों का ट्रांसफर नहीं होगा। पहले गांव बदलवाते रहते थे और ऐसे में गांव का विकास प्रभावित होता था। पहले सचिवों के पास बिखरे हुए गांव होते थे। जैसे एक गांव से दूसरे गांव की दूरी अधिक होती थी। लेकिन कलस्टर आसपास के गांवों को मिलाकर ही बनाए गए हैं। साथ ही कलस्टर व्यवस्था में ऐसा भी नहीं है कि एक कर्मचारी पर अधिक गांवों का भार है और दूसरे पर कम का। उन्होंने बताया कि अगर शीघ्र ग्राम सचिवों ने अपने-अपने कलस्टरों में कार्यभार ग्रहण नहीं किया तो संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
जिला पंचायतीराज अधिकारी नंदलाल ने विकास खंडवार कलस्टर व्यवस्था के आदेश जारी कर दिए हैं। शासन के निर्देश पर यह व्यवस्था लागू हुई है।
विकासखंड, कलस्टर की संख्या
शामली, 12
कैराना, 12
कांधला, 10
ऊन, 21
थानाभवन, 12