शामली. गर्मी बढ़ने के साथ ही आग लगने की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। जिसमें काफी नुकसान हो रहा है। अप्रैल माह में एक माह में आग लगने की 26 घटनाएं हुई हैं। जिनमें करीब 10 लाख का नुकसान हुआ है। ज्यादातर घटनाएं लापरवाही के कारण हुई हैं। जिनमें चौसाना में कूड़े के ढेर से उड़ी चिंगारी से करीब 300 क्विंटल भूसा और कई उपलों के बिटौड़े में आग लगी थी। कैराना क्षेत्र में 9 अप्रैल को रूई बनाने की फैक्टरी के गोदाम में आग लगने से करीब एक लाख रुपये का नुकसान हुआ था। इसके अलावा गढ़ीपुख्ता क्षेत्र के जंगल में आग लग गई थी। फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था।

जिले में ये हैं संसाधन
फायर ब्रिगेड के पास दो बड़ी गाड़ी, दो छोटी गाड़ी वाटर मिस्ट हाई प्रेशर पंप वाली, एक कैंफर बुलेरो है। जिससे तंग गलियों में आग लगने पर इस्तेमाल किया जाता है। स्टाफ के नाम पर सीएफओ, एक एफएसओ, चार चालक हेड कांस्टेबल, पांच लीडिंग फायरमैन और करीब 31 फायरमैन हैं। जिला मुख्यालय पर एक बड़ी गाड़ी और एक छोटी गाड़ी रहती है। कैराना में एक बड़ी गाड़ी खड़ी की जाती है। एक छोटी गाड़ी ऊन तहसील पर रहती है।

आग लगने पर से बरतें सावधानी
-आग लगने पर तुरंत 101 या 112 नंबर पर कॉल करके सूचना दें।
-आग लगने पर सबसे पहले इमारत की अग्नि चेतावनी की घंटी (फायर अलार्म) को सक्रिय करें। फिर बहुत जोर से आग-आग चिल्लाकर लोगों को सचेत करें। चेतावनी कम शब्दों में ही दें, नहीं तो लोगों को घटना की गंभीरता समझने में ज्यादा समय लग जाएगा।
– आग लगने पर लिफ्ट का उपयोग न करें, सिर्फ सीढ़ियों का ही प्रयोग करें।
– धुएं से घिरे होने पर अपनी नाक और मुंह को गीले कपड़े से ढक लें।
– अगर आप धुएं से भरे कमरे में फंस जाएं और बाहर निकलने का रास्ता न हो तो दरवाजे को बंद कर लें और सभी दरारों और सुराखों को गीले तौलिये या चादरों से सील कर दें, जिससे धुआं अंदर न आ सके।
– अगर आग आपकी अपनी ईमारत में लगी है और आप उसमें फंसे नहीं हैं तो पहले बाहर आएं और फिर फायर ब्रिगेड को घटना की सूचना दें।
– अपने घर और कार्यालय में स्मोक (धुआं) डिटेक्टर जरूर लगाएं क्योंकि अपनी सुरक्षा के उपाय करना हमेशा बेहतर और अच्छा होता है।
– समय-समय पर इमारत में लगे फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, पानी के स्रोत, अग्निशमन यंत्र की जांच करवाते रहें।
– घटनास्थल के नजदीक भीड़ न लगने दें, इससे आपातकालीन अग्निशमन सेवा और बचाव कार्य में बाधा होती है। ऐसी स्थिति में 101 पर कॉल करें और वहां से दूर हो जाएं।
– यदि आपके कपड़ों में आग लग जाए तो भागे नहीं, इससे आग और भड़केगी। जमीन पर लेट जाए और उलट पलट (रोल) करें। किसी कंबल, कोट या भारी कपड़े से ढक कर आग बुझाएं।
किया जा रहा है जागरूक
आग लगने पर बचाव के लिए प्रशिक्षण अभियान चलाए जाते हैं। इंडस्ट्रियल एरिया और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों पर आग बुझाने के यंत्रों की नियमित चेकिंग की जाती है। सीएफओ, दीपक शर्मा।