शामली। यूपी बोर्ड इंटर की प्रयोगात्मक परीक्षा देने से करीब 1500 से ज्यादा विद्यार्थी वंचित रह गए हैं। बोर्ड ने परीक्षा से वंचित विद्यार्थियों का डाटा कॉलेजों से मांगा है। बोर्ड परीक्षा खत्म होने के बाद जिले में 20 से 27 अप्रैल तक प्रयोगात्मक परीक्षाएं हुईं। इसकी वजह समय पर सूचना न मिलने से विद्यार्थियों का प्रयोगात्मक परीक्षा से वंचित रहना माना जा रहा है।

जिले में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की लिखित परीक्षा 39 केंद्रों पर 24 मार्च से शुरू हुई थी और 13 अप्रैल को खत्म हुई। इस बार बोर्ड की लिखित परीक्षा से पूर्व प्रयोगात्मक परीक्षाएं नहीं हो सकी थी। बोर्ड ने लिखित परीक्षा के बाद इंटर की प्रयोगात्मक परीक्षा कराने का निर्णय लिया था। बोर्ड की लिखित परीक्षा खत्म होने के एक सप्ताह बाद यानी 20 से 27 अप्रैल तक इंटर की प्रयोगात्मक परीक्षाएं पूरी कराने का निर्देश दिया। कॉलेजों से विद्यार्थियों को आनन-फानन में सूचना भेजकर प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराई गई। इसके चलते जिले में लगभग 1500 से ज्यादा विद्यार्थी प्रयोगात्मक परीक्षा से वंचित रह गए।

इसकी मुख्य वजह कम समय में प्रयोगात्मक परीक्षा होने के कारण विद्यार्थियों को समय पर जानकारी न मिलना माना गया है। बोर्ड ने कॉलेजों से बोर्ड की वेबसाइट पर प्रयोगात्मक परीक्षा से वंचित विद्यार्थियों का डाटा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। माना जा रहा है कि बोर्ड प्रयोगात्मक परीक्षा से वंचित विद्यार्थियों को एक और मौका दे सकता है।
हालांकि अभी तक बोर्ड की तरफ से इस बारे में गाइड लाइन नहीं मिली है। आरके इंटर कालेज शामली के प्रधानाचार्य कैप्टन लोकेंद्र सिंह ने बताया कि उनके कॉलेज में करीब 75 विद्यार्थी इंटर की प्रयोगात्मक परीक्षा से वंचित रह गए हैं, जिनका डाटा बोर्ड को भेज दिया गया है। डीआईओएस सरदार सिंह ने बताया कि बोर्ड ने छह मई तक प्रयोगात्मक परीक्षा से वंचित विद्यार्थियों का डाटा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। सभी कॉलेजों से डाटा बोर्ड को उपलब्ध भेज दिया गया है।