शामली. चीनी मिलों में इस बार पिछले सत्र के मुकाबले 23.06 लाख कुंतल कम गन्ने की पेराई हुई है। पिछले सत्र में भी 2019-20 के मुकाबले करीब 23 लाख कुंतल ही कम गन्ने की पेराई हुई थी।
जिले में तीन चीनी मिल हैं और तीनों में पेराई सत्र का समापन हो चुका है। 2020-21 में कुल 355.14 लाख कुंतल गन्ने की पेराई हुई थी, जबकि इस बार 332.08 लाख कुंतल गन्ना की पेराई चीनी मिलों में हुई। वहीं 2019-20 में 378.12 लाख कुंतल गन्ने की पेराई हुई थी। कृषि विज्ञान केंद्र शामली के वैज्ञानिक डा. विकास मलिक का कहना है कि गन्ने की फसल में रोग कीट का प्रकोप भी दो साल से कुछ अधिक रहा है। ऐसे में उत्पादन कम मिला।
किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक ने बताया कि बकाया भुगतान की खराब व्यवस्था किसानों के लिए बड़ी समस्या है। उत्पादन तो कम रहा ही, साथ ही किसानों को नकद भुगतान के लिए कम दाम पर कोल्हू पर गन्ना बेचना पड़ा। पेराई सत्र पूरा हो गया है, पर 75 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान बकाया है। गन्ना भुगतान में तेजी भी नहीं आ रही है। जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह का कहना है कि किसानों को पर्चियों की कोई समस्या नहीं होने दी गई। उत्पादन जरूर कुछ कम रहा है।
846.94 करोड़ बकाया
जिले में 846.94 करोड़ रुपए गन्ना भुगतान बकाया है। कुल देय 1127.67 करोड़ रुपये के सापेक्ष 289.73 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। भुगतान प्रतिशत 24.89 है। जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह का कहना है कि अधिक से अधिक भुगतान को चीनी मिलों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। आगामी सत्र के लिए गन्ने की फसल का सर्वेक्षण भी चल रहा है।
तीन पेराई सत्र में गन्ना पेराई (लाख कुंतल में)
चीनी मिल, 2019-20, 2020-21, 2021-22
शामली, 120.14, 113.20, 107.51
ऊन, 105.06, 105.12, 97.49
थानाभवन, 152.93, 136.82, 127.08