शामली। प्रशासनिक और विद्युत निगम के अधिकारियों के साथ कलक्ट्रेट में हुई बैठक में किसानों ने दो टूक एलान कर दिया कि किसी भी हालत में नलकूपों पर मीटर नहीं लगने देंगे। चाहे खून-खराबा क्यों न हो जाए। यदि विद्युत निगम ने किसी किसान के नलकूप पर जबरन मीटर लगाए तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
बैठक नलकूपों पर मीटर लगाने में सहयोग करने के लिए बुलाई गई थी, लेकिन किसानों ने सहयोग करने से साफ इनकार कर दिया। गठवाला खाप के थांबेदार बाबा श्याम सिंह बहावड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक में एडीएम संतोष कुमार, एसडीएम बृजेश कुमार सिंह व विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता रामकुमार ने किसानों को नलकूपों पर मीटर लगाने के फायदे गिनाए। कहा कि सरकार किसानों के हित के लिए यह कार्य कर रही है। मीटर लगने से बिलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बिल पहले की तरह ही आएंगे। लेकिन किसानों ने अधिकारियों की कोई बात नहीं मानी।
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— ASB NEWS INDIA (@asbnewsindia) June 4, 2022
बैठक में बाबा शौकेंद्र ने एलान कर दिया कि चाहे खून खराबा हो जाए, नलकूपों पर किसी कीमत पर मीटर लगने नहीं लगने देंगे। बैठक एक्सईएन प्रथम राजपाल रघुवंशी, द्वितीय ब्रह्मपाल के साथ बिजली विभाग के अधिकारी और बाबा महिपाल, किसान संजीव राठी, विदेश मलिक, कपिल खाटियान, देशपाल राणा, पप्पू मलिक, ईश्वर फौजी, देवराज पहलवान आदि मौजूद रहे।
बाबा श्याम सिंह बहावड़ी ने कहा कि नलकूपों पर मीटर लगाने का शासनादेश 2021 का है। जबकि चुनावी घोषणा पत्र में भाजपा ने सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली का एलान किया था। यदि मीटर लगाने का शासनादेश 2022 को हो तो किसान मीटर लगवा लेंगे। गांवों में बकाएदारों के कनेक्शन काटने का अभियान चलाया जा रहा है। फिर पैसे लेकर उन्हें जोड़ा भी जा रहा है। कई घरों में बिजली चोरी पकड़ी जाती है। ज्यादातर मामलों में बिजली चोरी करने वालों को छोड़ दिया जाता है। गांव में एबीसी बंच कंडक्टर लाइन खींची जाए, जिससे चोरी रूकेगी। हम चोरी करने वालों के समर्थन में नहीं हैं।
भाकियू जिलाध्यक्ष ने कहा कि विद्युत निगम के अधिकारी किसानों का उत्पीड़न कर रहे हैं। मीटर लगाने के लिए शासनादेश जारी होने का हवाला दे रहे हैं। लेकिन शासनादेश तो गन्ना भुगतान को लेकर भी जारी हुआ था। उस पर अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं होते। किसानों के गन्ने का भुगतान चीनी मिलों पर बकाया है। ऐसे में गरीब किसान बिजली का बिल कैसे जमा करेगा। विद्युत निगम को यदि बिल जल्दी लेना है, तो किसान अपने गन्ने की पर्ची दे देंगे। किसी भी हालत में किसानों के नलकूपों पर मीटर लगने नहीं दिए जाएंगे। यदि कोई किसान सहमत है तो निगम शपथ पत्र लेकर मीटर लगा दे। लेकिन किसी किसान ने जबरन मीटर लगाने की शिकायत की तो उसकी लड़ाई लड़ी जाएगी।