शामली। हरियाणा और वेस्ट यूपी को जोडने वाले 121 किमी लंबे अंबाला-शामली ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे पर थानाभवन पट्टी नौगांवा के पास रेलवे लाइन के ऊपर छह लेन का उपरिगामी पुल बनेगा। सहारनपुर जिले की नकुड़ तहसील के जमालाबाद गांव और हरियाणा के करनाल जिले के चंदरु गांव में यमुना नदी पर एक किमी लंबा का छह लेन का पुल बनेगा। एक मार्च से इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू की तैयारी चल रही है।
छह लेन के इस इकोनॉमिक कॉरिडोर की भूमि का शामली और सहारनपुर जिले में 495 करोड़ रुपये में से 370 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को वितरित हो चुका है। सहारनपुर और जिले के 48 किमी लंबाई में से 22 किमी लंबे की भूमि में जिला प्रशासन निर्माण एजेंसी को कब्जा दिला चुका है। जिसमें शामली जिले में कुल 15 किमी में 8.5 किमी लंबाई और सहारनपुर जिले की 33 किमी लंबाई में 14 किमी भूमि पर निर्माण एजेंसी काबिज है।
हरियाणा और वेस्ट यूपी को जोड़ने वाले अंबाला-शामली इकोनामिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, और शामली जिले के गांवों से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे की जद में 94 गांवों में 1093 करोड़ रुपये के कुल मुआवजे में से किसानों को 949 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को वितरित किया जा चुका है। जिसमें शामली जिले के 12 गांवों में 150 करोड़, सहारनपुर जिले के 32 गांवों में 220 करोड़, यमुनानगर जिले के 11 गांवों में 149 करोड़, करनाल जिले के 4 गांवों में 55 करोड़, कुरुक्षेत्र जिले के दो गांवों में 20 करोड़, अंबाला जिले के 33 गांवों में से 350 करोड़ का मुआवजा वितरित हो चुका है। एडीएम संतोष कुमार सिंह ने बताया कि अंबाला-शामली इकोनॉमिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे का निर्माण अगले माह एक मार्च से निर्माण शुरू करने की तैयारी चल रही है।
अंबाला- शामली इकोनॉमिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे की निर्माण एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर केके शर्मा ने बताया कि 48 किमी लंबाई के ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की जद में छह किमी लंबाई में गन्ने की फसल, आठ किमी लंबाई में फलदार पेड़ मिलाकर 18 किमी पर आवासीय भवन, पेट्रोल पंप का निर्माण है। भूमि पर अतिक्रमण हटने के बाद कब्जा मिलने के बाद एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू हो पाएगा। एक मार्च तक उनका थानाभवन प्लांट कार्य पूरा हो पाएगा।