शामली. शामली जनपद में बतौर अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात प्रतिक्षा सिंह अब आईएएस अधिकारी बन गई हैं। उन्होंने यूपीपीएससी परीक्षा में 52वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने यह सफलता तीसरी बार में हासिल की है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय माता-पिता एवं सीनियर अधिकारियों को दिया है। इससे पहले प्रतिक्षा ने वर्ष 2020 में पीसीएस परीक्षा में सफलता अर्जित की थी।

मूलत: प्रयागराज की रहने वाली प्रतिक्षा सिंह की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की पढ़ाई केन्द्रीय विधालय हिंडन गाजियाबाद से हुई है। प्रतिक्षा ने स्नातक की पढ़ाई मीरांडा कालेज दिल्ली एवं एमए भूगोल दिल्ली विश्वविद्यालय से की है।

यहीं पर रहकर सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। सर्वप्रथम वर्ष 2020 में पीसीएस में चयन हुआ था। बतौर ट्रेनी पीसीएस अधिकारी के तौर पर हापुड़ में तैनाती रही।

बाद में शामली स्थानान्तरण होने पर अतिरिक्त मजिस्ट्रेट का दायित्व मिला। प्रतिक्षा बताती हैं कि सर्विस में होने की वजह से जहां वह सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर दो बजे विभागीय कार्यों का निर्वहन करती थीं। वहीं रोजाना छह से सात घंटे तक परीक्षा की तैयारी करती थीं। उनका कहना है कि इसमें सीनियर अधिकारियों का काफी सहयोग रहा। यही वजह है कि आईएएस में 52 वीं रैंक मिली।

प्रतिक्षा को साहित्य पढ़ने का काफी शौक है। जैसे प्रेमचन्द्र की साहित्य आदि। इसके अलावा पेंटिंग में भी महारथ हासिल है। सोशल मीडिया पर सिर्फ व्हाट्एसएप पर हैं।

प्रतिक्षा सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के अलावा सीनियर अफसरों को देती हैं। उनका कहना है कि वह रोजाना छह से सात घंटे पढ़ती थीं, लेकिन परीक्षा के दौरान 10 से 12 घंटे नियमित पढ़ती रहीं। प्रतिक्षा के एक भाई पीयूष सिंह और गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। प्रतिक्षा ने कहा कि वह यूपीपीएससी की तैयारी करने से पहले सिलेब्स को जानें। जिस विषय में अच्छी पकड़ हो उसी का चयन करें। बिना तैयारी के प्रारंभिक परीक्षा में न बैठे। यदि मेहनते से पढ़ाई की जाए तो एक से डेढ़ साल में अच्छी तैयारी कर सफलता हासिल की जा सकती है।