शामली। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे पर भाजू के पास कट की मांग को लेकर तीन माह से चल रहे धरने पर मंगलवार रात किसान धीरेंद्र बालियान की मौत हो गई। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव आने पर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। वे शव को धरना स्थल पर ले गए और हंगामा शुरू कर दिया। एक घंटे चले हंगामे के बाद एसडीएम सदर ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद शव का गांव में ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया।
बाबरी क्षेत्र में सात सितंबर से गांव भाजू के पास दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे पर कट की मांग को लेकर किसानों का बेमियादी धरना चल रहा है। किसान दिनरात धरने पर जमे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक कट नहीं मिलेगा, तब तक धरना जारी रहेगा।
मंगलवार रात भाजू निवासी किसान धीरेंद्र बालियान (45) ट्रैक्टर लेकर धरना स्थल पर पहुंचे। वहां पर उन्होंने रात करीब नौ बजे खाना खाया। किसान शिवराष्ट्र ने बताया कि धीरेंद्र के सीने में तेज दर्द हुआ और सांस लेने में परेशानी हुई। इसके बाद उसे शामली के निजी अस्पताल ले गए जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद किसान शव को लेकर रात में ही धरना स्थल आ गए। किसान की मौत की सूचना भाकियू नेताओं को दी गई।
बुधवार सुबह बाबरी पुलिस ने धरनास्थल पर पहुंचकर शव का पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। दोपहर करीब एक बजे पोस्टमार्टम के बाद किसान व परिजन शव को धरना स्थल पर ले गए। हंगामा करते हुए कहा कि किसान तीन माह से धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कड़ाके की ठंड के बाद भी प्रशासन की तरफ से धरना स्थल पर अलाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है। किसानों ने हंगामा करते हुए पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने की मांग की।
हंगामे की सूचना पर एसडीएम सदर हामिद हुसैन मौके पर पहुंचे और किसानों से वार्ता की। एसडीएम ने पीड़ित परिवार को किसान दुर्घटना बीमा योजना का लाभ दिलाने, मृतक की बेटी की शादी में आर्थिक मदद दिलाने समेत हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद किसानों ने गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया।
किसानों ने बताया कि भाजू कट की मांग को लेकर जब से धरना शुरू हुआ है, तब से धीरेंद्र बालियान रोजाना रात में धरने पर आते थे और वहीं पर सोते थे। वे ज्यादातर अपने ट्रैक्टर से आते थे। दिन में भी अकसर धरने पर आते रहते थे। मृतक के पुत्र की पहले मौत हो चुकी है। उनकी पत्नी व 21 वर्षीय पुत्री है। किसानों ने बताया कि मृत किसान अपनी बेटी की शादी करने की तैयारी कर रहा था।
भाजू कट को लेकर धरने पर 11 अक्तूबर को गांव भाजू निवासी किसान सहदेव की हालत खराब हो गई थी। करीब एक सप्ताह तक उनका मेरठ अस्पताल में उपचार चला। वहां उनकी मौत हो गई थी। किसानों का कहना है कि किसानों की शहादत को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। उनकी शहादत हमेशा याद रहेगी और भाजू कट को लेकर ही रहेंगे। जब तक कट नहीं मिलता तब तक धरना जारी रहेगा।