शामली जनपद के कैराना में किशोरी के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय पोक्सो) मुमताज अली ने दोष सिद्ध पाए जाने पर मुजरिम शकूर निवासी गांव अंबेहटा थाना झिंझाना को 10 साल के कारावास व 22 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

जिला शासकीय अधिवक्ता संजय चौहान व विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र मलिक ने बताया कि 11 जनवरी 2022 को थाना झिंझाना पर एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 12 वर्षीय पुत्री खेत पर पशुओं का चारा लेने गई थी। इसी दौरान गांव अंबेहटा निवासी शकूर उसकी पुत्री को ईंख के खेत में खींचकर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। उसकी पुत्री के शोर मचाने पर आरोपी धमकी देते हुए फरार हो गया था।

पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद किशोरी का मेडिकल कराया और कोर्ट में बयान दर्ज कराए। पुलिस ने आरोपी शकूर को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश कर दिया था, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। अभियोजन पक्ष की और से सात गवाह पेश किए गए।

वहीं दोनों पक्षों की दलील सुनने व पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद अपर जिला सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय पॉक्सो) मुमताज अली ने दोष सिद्ध पाए जाने पर मुजरिम शकूर निवासी गांव अंबेहटा थाना झिंझाना को 10 साल के कारावास व 22 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।