शामली। आयुष्मान योजना में मरीज को डिस्चार्ज करने के समय किया जाने वाला फर्जीवाड़ा अब नहीं हो सकेगा। जब मरीज डिस्चार्ज होगा तो उसका अंगूठा लगाया जाएगा और तभी उसको बिल दिया जाएगा। इसके लिए योजना से संबंध अस्पतालों में लगी बायोमैट्रिक मशीन से पुष्टि की जाएगी। बिना अंगूठा लगाए मरीज को डिस्चार्ज करने पर अस्पताल का भुगतान रोक दिया जाएगा।

केंद्र सरकार ने गरीबों को पांच लाख रुपये का मुफ्त में उपचार करने के लिए भारत आयुष्मान योजना चला रखी है। योजना के तहत मरीजों का पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त किया जाता है। इसके लिए प्रत्येक जनपद में प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों को संबद्घ किया गया है। अभी तक आयुष्मान कार्ड योजना में चयनित अस्पतालों में मरीज जब भर्ती होता था उस समय अस्पताल प्रशासन मरीज की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराता था। इलाज के बाद डिस्चार्ज के समय यह व्यवस्था नहीं थी। कुछ अस्पताल संचालक मरीजों को इलाज का मनमाना बिल बनाकर थमा देते थे। इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अब डिस्चार्ज के समय मरीज का अंगूठा लगवाया जाएगा। अस्पताल प्रबंधन इसमें गड़बड़ी करता है तो उनका भुगतान रोक दिया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग परिवार के गोल्डन कार्ड तो बना रहा है, लेकिन परिवार के सदस्यों को ढूंढने में काफी पीछे है। परिवार के गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य 96.42 प्रतिशत व व्यक्ति के कार्ड बनाने में मात्र 55.43 प्रतिशत ही सफलता मिली है। विभाग ने कार्ड बनाने के लिए कैंप भी लगाए, लेकिन व्यक्तियों के कार्ड तक नहीं बन पा रहे है।

गोल्डन कार्ड बनाने के लिए टीम को लगाया गया है। काफी परिवारों और व्यक्तियों को ढूंढ़कर उनका कार्ड बना दिया गया है। जल्द ही कार्ड बनाने का शत-प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया जाएगा। – डॉ. रौशी फातिमा, एसीएमओ शामली