कैराना। पंजीठ व झाड़खेड़ी में हुई चोरियों के मामले में पुलिस द्वारा खुलासा नहीं किए जाने के विरोध में बृहस्पतिवार को भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों के साथ पीड़ित व ग्रामीणों ने कोतवाली में धरना दिया और हंगामा किया। एसडीएम व सीओ के द्वारा घटना के खुलासे के लिए 10 दिन का समय मांगा गया। जिस पर भाकियू पदाधिकारियों ने ढाई घंटे बाद बाद धरना समाप्त कर दिया।
नौ नवंबर की रात गांव पंजीठ में नकली सिंह सैनी के आश्रम, किसान प्रवीण सैनी व पवन सैनी उर्फ बबलू के घरों में घुसकर नकाबपोश बदमाशों ने लाखों रुपये के सोने चांदी के गहने व नगदी चोरी कर ली थी। इससे पहले 10 अगस्त की रात गांव झाड़खेड़ी में अधिवक्ता अवधेश सैनी के मकान में भी बदमाशों ने धावा बोलकर लाखों के सोने चांदी के गहने व एक लाइसेंसी दोनाली बंदूक चोरी कर ली थी। पुलिस ने मुकदमे तो दर्ज कर लिए थे, लेकिन आज तक भी उक्त घटनाओं का पुलिस खुलासा नहीं कर सकी।
चोरियों का खुलासा नहीं होने पर भाकियू ने गुरुवार को कोतवाली में धरना देने का अल्टीमेटम दे रखा था। बृहस्पतिवार सुबह करीब साढे 11 बजे भाकियू पदाधिकारी व ग्रामीण एक दर्जन ट्रैक्टर ट्राॅलियों से कोतवाली पहुंचे तथा भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष कपिल खाटियान के नेतृत्व में कोतवाली परिसर में धरने पर बैठ गए। करीब डेढ़ बजे तक धरना प्रदर्शन चलता रहा। इसके बाद एसडीएम स्वप्निल यादव व पुलिस क्षेत्राधिकारी अमरदीप मौर्य ग्रामीणों के बीच पहुंचे तथा उनसे वार्ता की। इस दौरान पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी घटनाओं के खुलासे के लिए 10 दिन का समय मांगा। जिस पर भाकियू नेताओं ने पुलिस को 11 दिन का समय देते हुए खुलासे की मांग की। वहीं 11 दिन में खुलासा ना किए जाने पर कोतवाली सहित उच्चाधिकारियों के कार्यालयों पर भी धरना देने की चेतावनी दी गई है।
इस दौरान राकेश सैनी, पुष्कर सैनी, पहली सिंह सैनी, रविंद्र प्रधान, अखलाक प्रधान, सुभाष प्रधान, रमेश प्रधान, रमेश शर्मा, सुभाष सैनी, डॉ देवेन्द्र सैनी, इनाम एडवोकेट, शेर सिंह, विक्रान्त, मेहताब चौधरी, ब्रह्मपाल आदि मौजूद रहे।