
मुजफ्फरनगर। जिले में तैनात एक अफसर के खिलाफ बडी कार्यवाही का मामला प्रकाश में आया है। इस अफसर पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाए जाने के आदेश दिए गए हैं।
नगर पंचायत जानसठ के पूर्व सभासद अनुज सैनी ने बताया कि 22 नवंबर 2020 को प्रार्थना पत्र देकर कार्यालय नगर पंचायत में छह जनवरी 2018 से अभी तक राज्य वित्त आयोग, 14वां वित्त व स्वच्छ भारत मिशन एवं कोविड-19 सहित अन्य सभी मदों से कितनी धनराशि प्राप्त होने की जानकारी मांगी थी।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह, नाले की दोनों साइड की पटरी एवं नाले को कवर्ड करने के एस्टीमेट सहित कुल पांच सवालों का जवाब उपलब्ध कराए के लिए नगर पंचायत में आरटीआई आवेदन दिया था।
करीब तीन वर्षों की लंबी सुनवाई के बाद राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने अपीलार्थी को जानबूझकर वांछित सूचना उपलब्ध न कराए जाने, आयोग के पूर्व आदेशों की अवहेलना किए जाने एवं अपीलार्थी को वंचित सूचनाएं उपलब्ध न कराए जाने में निर्धारित समय अवधि का संज्ञान न लिए जाने के प्रकरण व शिथिलता बरते जाने का दोषी मानते हुए अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत जानसठ के विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 (1) के तहत 250 रुपये प्रति दिन के हिसाब से 25 हजार रुपये का अर्थदंड अधिरोपित करते हुए अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत जानसठ के वेतन से वसूली का सख्त आदेश पारित किया है।
आदेश की प्रतिलिपि प्रमुख सचिव पंचायती राज उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ, निदेशक पंचायती राज निदेशालय लोहिया भवन अलीगंज लखनऊ, जन सूचना अधिकारी नगर पंचायत जानसठ के साथ-साथ जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर को प्रेषित की गई है।
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