शामली। लोन पर ट्रैक्टर दिलाने, नए के स्थान पर पुराना जर्जर ट्रैक्टर थमाकर जिले में ठगी की जा रही है। यही नहीं, बैंक और अन्य विभागों से मिलीभगत कर किसानों के साथ धोखाधड़ी कर बाइक के नाम पर ट्रैक्टर का फर्जी रजिस्ट्रेशन करा दिया गया। नए के स्थान पर पुराने ट्रैक्टर किसानों को थमा दिए गए। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने हाल ही में इस तरह के मामलों की जांच की तो खुलासा हुआ। इस तरह के मामलों में जहां आयोग के पदाधिकारियों ने एजेंसी के संचालकों, बैंक अधिकारियों और अन्य पर जुर्माना लगाया। वहीं, अब किसानों को भी ऐसे लोगों से अलर्ट रहने की अपील की जा रही है। किसानों के साथ हाल ही में सामने आए ठगी के मामलों की बानगी
केस-1
थानाभवन क्षेत्र के सोंटा रसूलपुर निवासी दीन मोहम्मद ने शामली और मुजफ्फरनगर की एजेंसी से ट्रैक्टर और रोटावेटर खरीदा। जिसके लिए 4 लाख 95 हजार का लोन बैंक से स्वीकृत किया गया। ट्रैक्टर का यूपी 12 आर 5214 नंबर का रजिस्ट्रेशन किया गया। बाद में जांच में पता चला कि जिस ट्रैक्टर के नाम पर रजिस्ट्रेशन किया गया है, वह किसी अख्तर नाम की बाइक के नाम का है। ट्रैक्टर भी पुराना है। आयोग ने इस मामले में जांच तो मामले का खुलासा हुआ।
इस मामले में आयोग ने मुजफ्फरनगर के एजेंसी संचालक बिट्टू और शामली के प्रवीण को लोन के 4 लाख 95 हजार रुपये मय ब्याज के अदा करके को कहा है। साथ ही एक लाख का जुर्माना लगाया है। भैंसवाल के शाखा प्रबंधक पर बीस हजार का जुर्माना लगाया गया। मुजफ्फरनगर के तत्कालीन परिवहन अधिकारी पर 75 हजार का अर्थदंड इसलिए लगाया गया क्योंकि उन्होंने बाइक के नाम पर फर्जी रजिस्ट्रेशन ट्रैक्टर का कराने में आरोपियों का सहयोग किया।
केस-दो
मुजफ्फरनगर के चरथावल निवासी याकूब अली ने ट्रैक्टर एजेंसी से नया ट्रैक्टर खरीदा। जिसके लिए 4 लाख 61 हजार का लोन लिया। मगर याकूब को पुराना ट्रैक्टर दे दिया गया। जिस पर याकूब ने कंपनी को पुराना ट्रैक्टर वापस कर दिया। एसबीआई बैंक के मैनेजर ने लोन रिकवरी भेज दी। आयोग की जांच में देवबंद के एजेंसी से जुड़े नौशाद, ट्रैक्टर एजेंसी, लुहारी के बैंक प्रबंधक दोषी पाए गए। जांच में आया कि धोखाधड़ी से नए के नाम पर पुराना ट्रैक्टर दिया गया। जिस पर आयोग ने आर्थिक क्षति के रूप में दो लाख रुपये, 50 हजार का अर्थदंड और 30 हजार का अतिरिक्त जुर्माना लगाया।
केस-3
जललालाबाद निवासी जीवन राम ने ट्रैक्टर खरीदने के लिए बुढ़ाना की एजेंसी के कर्मचारियों और बैंक कर्मचारियों की मदद से चार लाख का लोन दिलाने की मांग की। दो लाख रुपये भी एडवांस में ले लिए गए। ट्रैक्टर के साथ जीवनराम के फोटो भी खिंचवाए गए मगर उसे लोन और ट्रैक्टर में से कुछ नहीं दिया गया। बाद में बैंक ने किसान के घर पर लोन का रिकवरी नोटिस भेज दिया। आयोग की जांच में यह बातें सामने आई। आयोग ने थानाभवन के बैंक, देहरादून के बैंक और एजेंसी के कर्मचारी को दोषी मानते हुए डेढ़ लाख का जुर्माना लगाया। वादी से लिए गए दो लाख रुपये वापस करने को कहा। साथ ही एसपी को धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया।
इसके अलावा लोन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी, नए के नाम पर पुराना ट्रैक्टर देने के नाम पर धोखाधड़ी के कई मामलों की जांच आयोग कर रहा है, जिनमें सामने आया है कि भोले भाले किसानों को कुछ एजेंसी संचालक, बैंक के कर्मचारी और अन्य मिलीभगत कर ठगी कर रहे हैं।