शामली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) चोरी के खेल में शामिल ईंट-भट्ठों पर राज्य कर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू किया है। विभागीय अधिकारियों ने 31 ईंट भट्ठों की सूची तैयार की है, जहां जीएसटी जमा कराने में गड़बड़ी के संकेत मिले हैं। 11 को नोटिस दिए गए हैं। इसके अलावा जांच में सामने आया है कि कंपोजीशन स्कीम का विकल्प नहीं अपनाने वाले भट्ठा कारोबारी भी आईटीसी क्लेम कर रहे हैं। इन भट्ठों की जांच के लिए विशेष कमेटी का गठन कर दिया गया है। जल्द ही इन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

जिले में 200 से अधिक ईंट भट्ठे हैं। ईंट भट्ठा पर छह और 12 प्रतिशत टैक्स निर्धारित है। समाधान योजना का विकल्प न चुनने वाले कारोबारियों को आईटीसी के 12 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होता है। इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के बिना छह प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करने के लिए कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुना जा सकता है। जो कारोबारी इस विकल्प को नहीं चुनना चाहते हैं, उन्हें 12 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होता है। जांच में पाया गया कि कंपोजीशन स्कीम का विकल्प नहीं अपनाने वाले भट्ठा कारोबारी भी आईटीसी क्लेम कर रहे हैं। हालांकि विभागीय जांच में वह पकड़ में आ रहे हैं। इस तरह के 12 मामले सामने आ चुके हैं।

शामली, कैराना और कांधला के ईंट भट्ठों की जांच में सामने आया कि छह प्रतिशत करदेयता का विकल्प चुनते हुए कारोबारी आईटीसी का लाभ ले रहे हैं। जांच में सामने आया है कि जिले में पंजीकृत कुछ कारोबारियों के पास स्टॉक की जानकारी नहीं है और वह जीएसटी भी जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे कई ईंट भट्ठे विभाग के रडार पर आ गए हैं, जिनकी जांच शुरू कर दी गई।

जीएसटी और आईटीसी क्लेम में गड़बड़ी करने वाले कई ईंट भट्ठा कारोबारी विभाग के रडार पर आ गए हैं। कई को नोटिस दिए गए हैं। जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
– धर्मेंद्र कुमार, उपायुक्त, वस्तु एवं सेवा कर शामली