शामली। परिषदीय स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए बनने वाला एमडीएम को बजट तक नहीं आ रहा है, जिससे उनके खाने पर संकट लहराता जा रहा है। शिक्षकों को छात्रों के खाने के लिए खुद खर्च करना पड़ रहा है। वह दो माह से बजट का इंतजार कर रहे है। वह भी सवाल कर रहे हैं कि कब तक खर्च करेंगे।

जनपद में 596 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल हैं और इनमें 88 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। इन सभी को स्कूलों में ही एमडीएम दिया जाता है, ताकि छात्र-छात्राओं को स्कूल से घर न जाना पड़े। उनको स्कूल में भोजन मिल सकें। उनके खाने के लिए सरकार से शिक्षा विभाग से बजट आता है, लेकिन पिछले दो माह से स्कूलों में बनने वाले एमडीएम के लिए बजट तक नहीं आ रहा है। परिषदीय स्कूलों में दो माह से बजट का इंतजार किया जा रहा है। दो माह पहले आया बजट भी खर्च हो चुका है। बजट न आने के कारण छात्र-छात्राओं के खाने पर आ संकट आ सकता है, अभी तक प्रधानाध्यापक एमडीएम अपने पास से बनवा रहे है। प्रधानाध्यापकों ने एमडीएम के बजट के लिए शिक्षा विभाग को कहा है, ताकि उनके खाने पर किसी भी तरह की रुकावट न आए। अब पता नहीं कब तक एमडीएम के लिए बजट आएगा या फिर अभी भी प्रधानाध्यापकों को बजट के लिए इंतजार करना पड़ेगा।

शासन को एमडीएम के लिए डिमांड भेज रखी है, जैसे ही बजट आएगा स्कूलों को आवंटित कर दिया जाएगा। छात्र-छात्राओं के एमडीएम पर किसी भी तरह का संकट नहीं है।
अमित कुमार जिला समन्वयक शामली