शामली। पशु उपचार पशुपालक के द्वार पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में 201 करोड़ की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी वाहन दिए हैं। जिले को चार वाहन मिले हैं। टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करके किसानों और पशुपालकों के पशुओं को घर पर ही उपचार मिल सकेगा।

रविवार को डीएम रविंद्र सिंह ने कलक्ट्रेट से दो वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पूर्व लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम डीएम रविंद्र सिंह, सीडीओ शंभू नाथ तिवारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. यशवंत सिंह ने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों ने एनआईसी के सभागार में लाइव देखा। इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले को चा मोबाइल वेटरनरी यूनिट (एक लाख पशु संख्या के सापेक्ष एक वाहन) उपलब्ध कराए गए है, जिसमें से दो वाहन पूर्व निर्धारित रूट पर संचालित होंगे। दो वाहन आकस्मिक पशु चिकित्सा सेवाओं के लिए उपलब्ध रहेंगे। ये वाहन पूर्व निर्धारित रूट / शेड्यूल पर सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे और इमरजेंसी रूट पर सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक उपलब्ध रहेंगे।

शाम 8 बजे के बाद आने वाली पशुपालकों की कॉल, कॉल सेंटर पर रिकार्ड की जाएंगी। अगले दिन उन्हें सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। कॉल सेंटर पर आने वाली काल को एक्जीक्यूटिव रिसीव करने बाद पशु चिकित्साविद से विश्लेषण कराएगा। बीमारी की गंभीरता / आकस्मिकता के अनुसार एमबीयू प्रेषित कराई जाएगी। टेलीमेडिसिन सलाह उपलब्ध कराई जाएगी। जनपद के पशुपालक अपने पशुओं को बीमारी से बचाव के लिए टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर अपने घर त्वरित पशुचिकित्सा का लाभ उठा सकते हैं। कार्यक्रम में एएसपी ओपी सिंह, सभी पशु चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहे।