शामली. जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने महिला की पित्त की थैली का गलत आपरेशन करने के मामले में आदेश जारी किया है। चिकित्सकों पर जुर्माना भी लगाया है। राझड़ गांव निवासी रेखा पत्नी नरेश की पित्त की थैली में पथरी थी। उन्होंने झिंझाना रोड स्थित राठी नर्सिंग होम में दिखाया था। 25 मार्च 2014 को सरकारी अस्पताल के सर्जन डा. आरके ढाका ने राठी नर्सिंग होम में आपरेशन किया।

वहां रेखा को पांच दिन भर्ती रखा गया, लेकिन गलत आपरेशन करने के कारण महिला को असहनीय दर्द रहने लगा। तब रेखा ने कैराना रोड स्थित एक नर्सिंग होम में चेकअप कराया, जिसके बाद मेरठ के आनंद अस्पताल में जांच कराई। वहां चिकित्सक ने एक अप्रैल 2014 को दूसरा आपरेशन किया। उस पर महिला का सवा लाख रुपये खर्चा हुआ। महिला की ओर से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर किया गया था। सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष हेमंत कुमार गुप्ता और सदस्य अमरजीत कौर ने फैसला सुनाया है।

राठी नर्सिंग होम प्रोपराइटर डा. अनुपमा राठी और सर्जन डा. आरके ढाका पर शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक क्षति के रूप में 30 हजार रुपए क्षतिपूर्ति, 10 हजार रुपये वाद व्यय अदा करने का आदेश दिया। इसके अलावा सरकारी अस्पताल के चिकित्सक सर्जन डा. आरके ढाका पर 75 हजार रुपए अर्थदंड लगाया। आदेश के अनुसार , डा. आरके ढाका सीएचसी शामली में तैनात थे और निजी चिकित्सा न करने का भत्ता सरकार से मिलने के बावजूद निजी अस्पताल में जाकर आपरेशन किया। इसके अलावा आनंद हास्पिटल मेरठ के चिकित्सक डा. अमित जैन और डा. नवनीत अग्रवाल पर संयुक्त रूप से 50 हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि यह सुनिश्चित करें कि कोई सरकारी चिकित्सक निजी चिकित्सीय व्यवसाय नहीं करेगा। एक माह में यह रिपोर्ट दें कि जिले में संचालित सभी नर्सिंग होम का पंजीकरण चिकित्सकों के पास आवश्यक डिग्री है।