शामली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना नई पुलिस लाइन के लिए 198 करोड़ के बजट की स्वीकृति और तीस करोड़ की धनराशि अवमुक्त कराने बाद भी इस वर्ष निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड नौ माह में भी पुलिस लाइन के निर्माण के लिए ठेकेदार नहीं खोज पाया है।

शामली के जिला बनने के बाद पूर्वी यमुना नहर के किनारे भैंसवाल गांव के जंगल में एसपी कार्यालय और शामली पुलिस लाइन के लिए 75 एकड़ भूमि आरक्षित कर दी गई थी। एसपी कार्यालय का निर्माण 2019 में पूरा हो गया था। शासन के निर्देश पर पुलिस लाइन के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग भवन खंड को कार्यदायी संस्था घोषित कर दी गई थी। लोक निर्माण विभाग की इंजीनियरों की टीम ने पुलिस लाइन के आवासीय और कार्यालय भवनों का 230 करोड़ रुपये का इस्टीमेट तैयार करके शासन को भेजा था। एक मार्च 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नई पुलिस लाइन की आधारशिला रख चुके हैं। 31 मार्च 2022 को 198 करोड़ की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है। शासन की ओर से नौ माह पूर्व 30 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त हुई थी, लेकिन लोक निर्माण विभाग भवन खंड लखनऊ की ओर से पुलिस लाइन का ठेकेदार नियुक्त नहीं हो पाया। नौ माह में पुलिस लाइन निर्माण के लिए राजकीय निर्माण निगम समेत तीन कंपनियों के टेंडर सामने आए थे। बाद में ईपीसी मॉडल समिति की बैठक में सभी टेंडर निरस्त हो गए। पिछले दो माह में नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई। लेकिन ठेकेदार तय नहीं हो पाया। जिससे पुलिस लाइन का कार्य शुरू नहीं हो पाया।

जिला बनने के बाद वर्ष 2012 से अस्थाई रूप से शामली पुलिस लाइन शहर के भैंसवाल रोड स्थित कृषि उत्पादन मंडी के भवन में चल रही है। नई पुलिस लाइन की स्थापना होने में कई साल लगेंगे। बजट मिलने के कम से कम दो साल में निर्माण पूरा होगा।

एसपी अभिषेक कुमार ने बताया कि नई पुलिस लाइन के लिए अवमुक्त धनराशि का प्रमाण पत्र लोक निर्माण विभाग की सहारनपुर इकाई से शासन ने मांगा था, लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने प्रमाणपत्र जारी किया है या नहीं, अभी इसकी जानकारी नहीं है।