शामली। राज्य की निर्माण एजेंसी और एनएचएआई के बीच विकास कार्य अधर में लटक गए हैं। इसका खामियाजा जिले के लोगों को भुगतना पड़ता है। मार्ग एनएचएआई को हस्तांतरित हो गए तो पीडब्ल्यूडी और सेतु निगम कार्य नहीं करा पा रहे हैं। अधूरी परियोजनाओं को पूरा कराने पर जिला प्रशासन का भी ध्यान नहीं है।
जिले में दिल्ली-सहारनपुर, मेरठ-करनाल, पानीपत-खटीमा हाईवे के बाईपास निर्माणाधीन हैं। एनएचएआई शहर के अंदर की सड़कों, नहरों और रेलवे फाटकों के उपरिगामी पुलों की परियोजनाओं पर कोई कार्य नहीं कर रहा है। शहर की सड़कें खस्ताहाल है। जिला प्रशासन के लगातार दबाव के बाद सड़कों के गड्ढे भरकर खानापूर्ति कर दी जाती है।
मेरठ-करनाल हाईवे पर पूर्वी यमुना नहर पर ब्रिटिश काल का पुल है। बीस साल पूर्व पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। 17 साल पहले दो लेन का पुल बनाया गया था। वाहनों की संख्या बढ़ने से पूर्वी यमुना नहर के पुल पर जाम की स्थिति बनी रहती है। जिस पर पीडब्ल्यूडी ने वर्ष 2017 में पुराने पुल को क्षतिग्रस्त करके दो लेन का नए पुल की धनराशि स्वीकृत कराई थी। प्रथम किश्त के रूप में धनराशि पीडब्ल्यूडी को अवमुक्त करा दी थी। लेकिन निर्माण के लिए ठेकेदार नहीं मिल पाया था। बाद में मेरठ-करनाल हाईवे एनएचएआई को हस्तांतरित कर दिया। जिसके बाद से मेरठ-करनाल हाईवे की निर्माण एजेंसी ने कोई भी पुल स्वीकृत नहीं किया है। पूर्वी यमुना नहर के पुल फिलहाल जर्जर है। पुल की लोहे की रेलिंग क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
शहर के बुढ़ाना रोड पर वर्ष 2016 में रेलवे का उपरिगामी पुल स्वीकृत हुआ था। सेतु निगम ने दो लेन के उपरिगामी पुल की परियोजना तैयार करके शासन को एस्टीमेट भेजा था। सर्विस लेन बनाने के लिए शामली चीनी मिल से भूमि खरीदने का खाका तैयार किया गया। बाद में बुढ़ाना रोड रेलवे फाटक एनएचएआई को हस्तांतरित हो गया। एनएचएआई ने फाटक पर उपरिगामी पुल की परियोजना ठंडे बस्ते में डाल दी।
शहर में जाम से मुक्ति के लिए रेलवे द्वारा बुढ़ाना रोड और धीमानपुरा रेलवे फाटक पर दो उपरिगामी पुल का एस्टीमेट भेजा गया था। आम बजट 2023-24 में शहर के बुढ़ाना रोड रेलवे फाटक पर उपरिगामी पुल के लिए रेलवे की ओर से 29 करोड़ की परियोजना में से दस करोड़ की धनराशि अवमुक्त करने की घोषणा की गई है।
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता संतगुप्त ऋषि का कहना है कि शहर की सड़कें एनएचएआई के अधीन हैं। अभी सिर्फ पानीपत-खटीमा मार्ग ही विभाग को हस्तांतरित हुआ है। जिसकी मरम्मत जल्द कराई जाएगी। अन्य मार्गों पर एनएचएआई से हस्तांतरित होने के बाद ही कार्य कराया जा सकता है।