शामली। मरीज के उपचार और ऑपरेशन में लापरवाही पर पीड़ितों ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की शरण ली। आयोग ने तत्परता से पीड़ित को न्याय दिलाते हुए ऑपरेशन में लापरवाही करने वाले डॉक्टरों पर दो से लेकर साढ़े आठ लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया है। कुछ मामलों में मरीजों को जुर्माना दिलवाया भी जा चुका है।
कैराना के खैर कलां मोहल्ले निवासी रिहाना का मेरठ के अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था। उसकी बच्चेदानी को निकालना पड़ा। मगर ऑपरेशन करते समय शरीर के अंदर के कुछ अंग को काट दिया गया। जिसके कारण रिहाना को काफी परेशानी हुई। अन्य कई बीमारियों ने उसे घेर लिया। नस भी कट गई। पीड़ित पक्ष ने आयोग का दरवाजा खटखटाया। आयोग ने पिछले दिनों ही डॉ. पवन पर साढ़े आठ लाख का जुर्माना लगाया।
शामली निवासी शिक्षा देवी की पित्त की थैली में पथरी थी, जिसके कारण वह परेशान रहती थी। ऑपरेशन के दौरान डाक्टर ने शरीर का अन्य अंग काट दिया, जिसके कारण शिक्षा देवी कई अन्य बीमारियों की चपेट में आ गई। जिसके बाद पीड़िता ने पीजीआई में उपचार कराया। पीड़िता की गुहार पर सुनवाई के बाद आयोग ने डाक्टर पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
गढ़ीपुख्ता निवासी रेखा ने 17 जून 2022 को शामली में ही पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन कराया था। मगर ऑपरेशन ठीक ढंग से नहीं करने के कारण पीड़ित पीलिया और अन्य बीमारियों से ग्रस्त हो गई। पीड़ित पक्ष ने आयोग का दरवाजा खटखटाया। जिस पर आयेग ने डा. आरके पर 75 हजार का जुर्माना लगाया। आयोग ने जल्द जुर्माना देने के आदेश दिए।
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष हेमंत कुमार गुप्ता और महिला सदस्य अमरजीत कौर के अनुसार) आयोग पिछले दो साल में 15 लापरवाह डाक्टरों पर जुर्माना लगाकर पीड़ितों को इंसाफ दिला चुका है।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के समक्ष ऐसे उपभोक्ता शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिनके अधिकारों का हनन हुआ है। आयोग के समक्ष उपभोक्ता अपने उन मामलों को लेकर आ सकते हैं, जिस स्थान पर उस वाद का हेतुक (कारण) उत्पन्न हुआ है। अब किसी भी उपभोक्ता द्वारा उस आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई जा सकती है जहां वह उपभोक्ता रहता है। यदि कोई उपभोक्ता जिस स्थान का मूल निवासी है और कहीं बाहर नौकरी करता है तो वह जिस शहर में नौकरी कर रहा है, वहां पर भी आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकता है।
जिले के विभिन्न स्थानों पर डाक्टरों पर लापरवाही से मरीज का उपचार करने का आरोप लगाते हुए मरीज हंगामा करते हैं। दो माह पूर्व ही दिल्ली रोड पर अस्पताल में मरीज की मौत पर गुस्साएं परिजनों ने हंगामा किया था। दो माह पूर्व ही थानाभवन में मरीज की मौत के बाद क्लीनिक पर सील लगा दी गई थी। यही नहीं दो डाक्टरों पर भी रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसके अलावा कांधला में भी तीन अस्पतालों पर सील लगाने की कार्रवाई की गई थी।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग पीड़ितों को इंसाफ दिलाने में अहम भूमिका निभा रहा है। प्रयास रहता है कि जल्द से जल्द सुनवाई कर गुहार लगाने वालों को इंसाफ दिलाया जाए। हाल ही में कई लापरवाह डाक्टरों पर आयोग ने जुर्माना लगाया है।
– हेमंत कुमार गुप्ता, अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग